नज़रों से ही नहीं अधरों से भी कुछ तो बात करें
कोरा है जीवन का कागज़ लफ्ज़ों की बरसात करें
कहने को तो सारी दुनिया है मेरे आँचल में समाई
चलो अब सातो...
सर्वश्रेष्ठ कृति माँ
माँ अर्थ है रिश्तों का
माँ नाम है भरोसे का
माँ उपवन है
माँ निर्वहन है
माँ आचमन है
माँ उपवन है
माँ...
हर राज दिल का तुम्हें बताने को जी चाहता है
हर इक सांस में तुम्हें बसाने को जी चाहता है
यही है मेरे प्यार,नेह और विश्वास की बंदगी
खुद से ज्यादा तुम्हें...
मिलूंगी तुम्हें वहीं प्रिये
तारों से जब आंचल सजाओगे
सीपों से गहने जड़वाओगे
प्रीत में तेरी राधा सी बनकर
मन में जब संदल महकाओगे
मैं मिलूंगी तुम्हें...
आओ ऐसी पतंग उड़ाएं
सरहद के सब भेद मिटाएं
चाहत रहे न कोई बाकी
उत्सव ऐसा आज मनाएं
आओ ऐसी..................
तुमने यह कैसी कर दी नादानी, बैठकर नदिया के पास नहीं सीखा लहरों से निर्बाध बहना, कितने तुफान और भवंर सीने में छुपा कर बस खामोशी से बहते रहना। नदी और नारी...