इन 5 अवसरों पर चुप रहने में ही है समझदारी

Webdunia
सोमवार, 21 नवंबर 2022 (12:08 IST)
Moun rahne ke fayde: वैसे तो कई अवसरों पर चुप रहना चाहिए। चुप या मौन रहने के कई फायदे भी हैं और नुकसान भी। कुछ ऐसे अवसार होते हैं जहां पर हमें बोलना जरूरी होता है और कुछ ऐसे मौके होते हैं जहां पर चुप रहने में ही समझदारी है। क्या आप जानते हैं कि ऐसे कौनसे अवसार हैं। हां कई अवसरों में से 5 ऐसे मौके हैं जबकि चुप रहने में ही समझदारी है।
 
 
चुप रहने के फायदे | Chup rahane ke fayde:
 
1. जब कोई कर रहा हो किसी की बुराई : जब कोई आदमी आपके सामने किसी तीसरे आदमी की बुराई कर रहा तो तब तुम्हें चुप रहकर बस सुनना चाहिए अपनी राय व्यक्त नहीं करना चाहिए, क्योंकि जो आज आपके सामने किसी तीसरे की बुराई कर रहा है वह कल किसी और के सामने आपकी बुराई भी कर सकता है यदि आपने कुछ कहा तो।
 
2. अधूरा सच : यदि आपको किसी घटना या किसी विषय पर अधूरी जानकारी है तो चुप रहना ही उत्तम है क्योंकि अधूरा ज्ञान बड़ा घातक होता है यह आपको हंसी का पात्र भी बना सकता है या किसी मुसीबत में भी डाल सकता है।
3. जब कोई नहीं समझे आपकी भावना : यदि आपको लग रहा है कि कोई व्यक्ति आपकी भावना, दु:ख या परेशानी को शब्दों में नहीं समझ पा रहा है या वह आपको ध्यान से सुन नहीं पा रहा है तो ऐसे व्यक्ति के सामने चुप रहना ही ठीक है। क्योंकि ऐसे लोगों को आपकी भावना या दु:ख से कोई मतलब नहीं होता, ऐसे लोगों को अपना राज बताकर आप पछताएंगे ही।
 
4. जब कोई इंसान अपना दु:ख व्यक्त करे : यदि कोई इंसान अपने दु:ख या परेशानी को आपको बता रहा है तो इसका मतलब यह कि वह आपको अपना समझ रहा है। ऐसे में तुरंत ही उसे समाधान बताने के बजाय चुप रहकर उसकी दु:ख या समस्या को सुने। उसके दुख: या समस्या को किसी और को न बताएं।
 
5. क्रोध या घृणा करने वाले लोग : जब कोई अपना या कोई सगा संबंधी आप पर क्रोध कर रहा हो, आपका अपमान कर रहा हो या घृणास्पद शब्द कह रहा हो तो आपको उस वक्त चुप रहना चाहिए ताकि सामने वाले का गुब्बार पूरी तरह से बाहर निकल जाए। आप यदि सही है तो उससे कतई माफी न मांगे और चुप रहकर सही समय का इंतजार करें। वह खुद ही आपसे माफी मांग लेगा या उसे अपनी गलती का अहसास हो जाएगा।

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