ठीक इसके उलट कमलनाथ की अगुवाई वाली मध्यप्रदेश कांग्रेस ने जिस तरह पैराशूट नेताओं पर अपना भरोसा जताकर उनको टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है, उसे देखकर तो यहीं लगता है कि कांग्रेस ने इस बार सत्ता के लिए कुछ भी चलेगा का फार्मूला अपना लिया है। ऐसे में ये सवाल उठना लाजमी है कि क्या कमलनाथ की अगुवाई वाली कांग्रेस को राहुल की जगह पैराशूट नेता अधिक पसंद हैं।
सरताज सिंह : चुनाव में कांग्रेस में जिस पैराशूट नेता की सबसे बड़ी एंट्री हुई वो नाम सरताजसिंह का है। भाजपा के दिग्गज नेता और शिवराज कैबिनेट में मंत्री रहे सरताज ने भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। सरताज सिंह सिवनी मालवा से भाजपा के मौजूदा विधायक थे और पार्टी ने इस बार उनको विधानसभा का टिकट नहीं दिया था। टिकट मिलता न देख सरताज पाला बदलते हुए आनन-फानन में कांग्रेस में शामिल हुए और कांग्रेस ने उन्हें होशंगाबाद से विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा के सामने चुनावी मैदान में उतार दिया।
संजयसिंह मसानी : कांग्रेस में जिस नेता की सबसे धमाकेदार की एंट्री हुई, उसका नाम संजय सिंह मसानी है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साले संजय को खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई। कांग्रेस ने मसानी को बालाघाट के वारासिवनी से चुनावी मैदान में उतारा है। संजय को कांग्रेस में शामिल होना भाजपा को बड़ा झटका और कांग्रेस की बीजेपी पर मनोवैज्ञानिक जीत माना जा रहा है।