भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार को होने वाली मतगणना को लेकर वैसे तो पूरे प्रदेश में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है लेकिन मध्यप्रदेश में कुछ ऐसी सीटें हैं जिसके चुनावी परिणाम पर पूरे सूबे की निगाह लगी रहेगी।
बुधनी विधानसभा सीट : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा सीट बुधनी पर सबकी निगाह लगी हुई है। कांग्रेस ने चुनाव के आखिरी समय इस सीट से पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के महेंद्र सिंह चौहान को 84805 वोटों से हराया था। भाजपा उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान को 128730 मत तो कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र सिंह चौहान को 43925 वोट मिले थे।
होशंगाबाद सीट : विधानसभा चुनाव में होशंगाबाद विधानसभा सीट पर हाई प्रोफाइल मुकाबला देखने को मिला। इस सीट पर विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा और टिकट न मिलने पर बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री सरताज सिंह के बीच कांटे का मुकाबला है। सियासी गलियारों में इसे गुरु और शिष्य के बीच मुकाबला माना जा रहा है। 2013 का विधानसभा चुनाव सिवनी-मालवा से 12547 वोटों से जीतने वाले सरताज सिंह के होशंगाबाद में जमीनी स्तर पर काफी पकड़ होने से चुनावी मुकाबला जोरदार हो गया है। अगर बात करें होशंगाबाद के 2013 विधानसभा चुनाव के समीकरण की तो बीजेपी उम्मीदवार सीताशरण शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार रवि किशोर जायसवाल को 42296 वोटों से हराया था। विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा को 91730 वोट तो रवि किशोर जायसवाल को 42464 वोट मिले थे। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में सरताज सिंह के सामने पहली चुनौती इस रिकॉर्ड लीड को पाटना है, वहीं इस बार के होशंगाबाद चुनाव में बाहरी और स्थानीय का मुद्दा भी हावी रहा।
भोजपुर विधानसभा सीट : भोजपुर विधानसभा सीट पर इस बार भी सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है। शिवराज कैबिनेट में मंत्री सुरेंद्र पटवा और कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी के बीच कांटे का चुनावी मुकाबला देखने को मिला। सुरेश पचौरी के लिए राजनीतिक रूप से काफी अहम इस चुनाव में पचौरी को जीत दिलाने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने खुद मंडीदीप में चुनावी सभा की। इस बार चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र पटवा काफी विवादों में रहे। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र पटवा ने कांग्रेस उम्मीदवार सुरेश पचौरी को 20149 वोटों से मात दी थी। चुनाव में सुरेंद्र पटवा को 80419 तो वहीं सुरेश पचौरी को 60342 वोट मिले थे। इस बार इस सीट पर चुनावी पासा बदलने की उम्मीद है।
भोपाल दक्षिण पश्चिम : राजधानी भोपाल की बात करें तो सबसे दिलचस्प मुकाबला भोपाल दक्षिण पश्चिम सीट पर ही देखने को मिल रहा है। इस सीट पर शिवराज कैबिनेट के बड़े मंत्री उमाशंकर गुप्ता और कांग्रेस के दिग्गज नेता पीसी शर्मा के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी उम्मीदवार उमाशंकर गुप्ता ने कांग्रेस उम्मीदवार संजीव सक्सेना को 18198 वोटों से हराया था। चुनाव में उमाशंकर गुप्ता को 71167 तो संजीव सक्सेना को 52969 वोट मिले थे। इस बार विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस को पलड़ा भारी नजर आ रहा है। कांग्रेस ने इस सीट से साफ-सुथरी छवि वाले पीसी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं उमाशंकर गुप्ता को इस बार एंटी इनकमबेंसी का सामना करना पड़ सकता है।
दतिया : मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में दतिया सीट हमेशा से चर्चा के केंद्र में रही है। शिवराज कैबिनेट के सबसे ताकतवर मंत्री माने जाने वाले नरोत्तम मिश्र एक बार फिर इस सीट से चुनावी मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर राजेंद्र भारती पर दांव खेला है। 2013 के विधानसभा चुनाव में नरोत्तम मिश्र ने राजेंद्र भारती को 12 हजार से अधिक वोटों से हराया था...चुनाव में नरोत्तम मिस्र को 57438 तो राजेंद्र भारती को 45357 वोट मिले थे। चुनाव से पहले नरोत्तम के पेड न्यूज मामले में फंसने और बाद में राहत मिलने के बाद इस बार विधानसभा चुनाव में कांटे का मुकाबला है।
सांची : शिवराज कैबिनेट में मंत्री गौरीशंकर शेजवार की सीट सांची से इस बार पार्टी ने शेजवार के बेटे मुदित शेजवार को चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने एक बार फिर अपने पुराने नेता प्रभुराम चौधरी पर दांव खेला है। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव के परिणाम की तो गौरीशंकर शेजवार ने प्रभुराम चौधरी को 20936 वोटों से हराया था। चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार गौरीशंकर शेजवार को 85599 तो कांग्रेस उम्मीदवार प्रभुराम चौधरी को 64663 वोट मिले थे। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांटे के मुकाबले में सांची सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है।
दमोह विधानसभा सीट : बुंदेलखंड में सबसे हाईप्रोफाइल सीट माने जाने वाली दमोह में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला है। बीजेपी से वित्तमंत्री जयंत मलैया चुनावी मैदान में उतरे हैं तो उनकी जीत की राह कठिन बनाने के लिए बीजेपी के बागी नेता और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमारिया चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। कुर्मी वोट बैंक में अच्छी पकड़ रखने वाले दिग्गज नेता कुसमारिया अपनी ही पार्टी के नेता पर भारी दिख रहे हैं। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी उम्मीदवार जयंत मलैया ने कांग्रेस के चंदभान को 4953 वोटों से हराया था। बीजेपी उम्मीदवार जयंत मलैया को 72534 तो कांग्रेस उम्मीदवार चंद्रभान को 67581 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस में इस बार इस सीट पर लोधी वोट बैंक को देखते हुए युवा चेहरे राहुल सिंह लौधी को टिकट दिया है, जिससे इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है।
रीवा : विंध्य की सबसे हाईप्रोफाइल सीट रीवा विधानसभा में इस बार सबकी निगाह लगी हुई है। कांटे के मुकाबले वाली इस सीट पर शिवराज कैबिनेट के दिग्गज मंत्री राजेंद्र शुक्ल को इस बार कांग्रेस के दिग्गज नेता अभय मिश्र से कड़ी चुनौती मिल रही है। चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए अभय मिश्र और राजेंद्र शुक्ल की सियासी अदावत भी काफी पुरानी है। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की बीजेपी के उम्मीदवार राजेंद्र शुक्ल को 61502 वोट मिले थे और दूसरे स्थान पर बीएसपी के उम्मीदवार को 23956 वोट मिले थे। इस बार चुनावी मुकाबले में सियासी तस्वीर पिछले बार से एकदम अलग है। इस सीट पर चुनाव परिणाम काफी चौंकाने वाले भी हो सकते हैं।
खुरई : विधानसभा चुनाव के दौरान और वोटिंग के बाद अगर सबसे अधिक किसी विधानसभा सीट की चर्चा है तो वो है गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह की सीट खुरई। वोटिंग के बाद इस सीट पर ईवीएम को 48 घंटे देरी से जमा करने पर काफी सियासी बयानबाजी हुई। वहीं इस बार भी बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह का सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार अरुणोदय चौबे से है। बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो बीजेपी उम्मीदवार भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस उम्मीदवार अरुणोदय चौबे को 6084 वोटों से हराया था। चुनाव में भूपेंद्र सिंह को 62127 तो अरुणोदय चौबे को 56043 वोट मिले थे। इस बार चुनावी मुकाबला काफी कांटे का होने के कारण परिणाम काफी चौंकाने वाले हो सकते हैं।
चुरहट : नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह की सीट चुरहट पर भी सबकी निगाहें लगी हुई हैं। अजय सिंह का सीधा मुकाबला बीजेपी उम्मीदवार शरदेंदु तिवारी से है। चुरहट सीट पर इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा भी पहुंची थी, जिस पर पथराव हुआ था। बीजेपी ने इसके पीछे साजिश रचने का आरोप अजय सिंह पर लगाया था। अगर बात करें 2013 के विधानसभा चुनाव की तो अजय सिंह ने बीजेपी उम्मीदवार शरदेंदु तिवारी को 19356 वोटों से हराया था। चुनाव में अजय सिंह को 71796 और शरदेंदु को 52440 वोट मिले थे। इस हाईप्रोफाइल सीट पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।
इंदौर-3 विधानसभा सीट : इंदौर की सबसे हाईप्रोफाइल सीट माने जाने वाली इंदौर-3 विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय चुनाव लड़ रहे हैं। आकाश विजयवर्गीय का सीधा मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता अश्विन जोशी से है। बात करें 2013 के इस सीट के चुनाव परिणाम की तो भाजपा उम्मीदवार उषा ठाकुर ने कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विन जोशी को 13318 वोटों से हराया था। उषा ठाकुर को 68334 तो अश्विन जोशी को 55016 वोट मिले थे। इस बार आकाश विजयवर्गीय के चुनाव लड़ने से मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है।
राऊ : इंदौर जिले की राऊ सीट से कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। जीतू पटवारी का सीधा मुकाबला बीजेपी के मधु वर्मा से है। बात करें 2013 के चुनाव परिणाम की तो कांग्रेस उम्मीदवार जीतू पटवारी ने बीजेपी उम्मीदवार जीतू जिराती को 18559 वोटों से हराया था। चुनाव में जीतू पटवारी को 91885 तो जीतू जिराती को 73326 वोट मिले थे।