उपेंद्र कुशवाहा देंगे मोदी सरकार से इस्‍तीफा, सीट बंटवारे से हैं नाराज, रणनीति का करेंगे खुलासा

सोमवार, 10 दिसंबर 2018 (12:35 IST)
नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव के लिए एनडीए में सीट बंटवारे में आरएलएसपी को तरजीह नहीं दिए जाने से नाराज चल रहे केंद्र सरकार में मंत्री उपेंद्र कुशवाहा आज नरेंद्र मोदी सरकार से इस्तीफा देंगे। बिहार में सीट बंटवारे पर कुशवाहा काफी समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे। वे राज्य में ज्यादा सीटों पर दावेदारी कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी थी।


इससे पहले कुशवाहा के एनडीए बैठक में नहीं जाने की खबरें थीं। हालांकि सूत्रों ने दावा किया था कि कुशवाहा को इस बैठक में बुलाया ही नहीं गया है। कुशवाहा ने दोपहर में संवाददाता सम्‍मेलन बुलाया है। माना जा रहा है कि वे इसमें अपनी अगली रणनीति का खुलासा कर सकते हैं। अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि कुशवाहा अपनी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) का शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल में विलय कर सकते हैं।

इस बीच खबर यह भी आ रही है कि कुशवाहा की पार्टी के कई नेता जेडीयू के सपंर्क में हैं और वे सोमवार को ही पटना में अपनी रणनीति का ऐलान कर सकते हैं। इस तरह बिहार की सियासत में अब नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि कुशवाहा अभी केंद्र में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री हैं और काफी समय से नाराज चल रहे हैं।

कुशवाहा सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर पीएम मोदी से मुलाकात करना चाहते थे, लेकिन उन्‍हें समय नहीं दिया गया। कुशवाहा की पार्टी ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार और बिहार में नीतीश कुमार सरकार की तीखी आलोचना की थी।

इसके बाद आरएलएसपी के एक नेता ने कहा था, एनडीए में आरएलएसपी के होने का अर्थ बीजेपी और एलजेपी से गठबंधन था। नीतीश कुमार की जेडीयू के साथ हमारा कोई गठबंधन नहीं है। वह पिछले साल गठबंधन में शामिल हुए हैं, जबकि हम 2014 से ही एनडीए का हिस्सा हैं। शनिवार को कुशवाहा ने भी उपवास के बहाने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर सियासी हमला बोला था।

औरंगाबाद के देवकुंड में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया नहीं कराए जाने का आरोप लगाते हुए कुशवाहा ने कहा, राजनीति अपनी जगह है लेकिन शिक्षा के नाम पर राजनीति सही नहीं है। औरंगाबाद और नवादा के लिए केंद्र सरकार के भेजे प्रस्ताव के बावजूद बिहार सरकार ने केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन उपलब्ध नहीं कराई वरना आज इन विद्यालयों में भी पढ़ाई शुरू हो जाती।

बिहार में यादवों का आरजेडी का कोर वोटर माना जाता है। राज्य में यादवों की आबादी करीब 15 फीसदी है। वहीं आरजेडी को मुसलमानों का भी भरपूर समर्थन मिलता है। बिहार में मुस्लिमों की आबादी भी 15 फीसदी से ज्यादा है। कुशवाहा कोइरी समाज से आते हैं और बिहार की आबादी में कोइरी आबादी 3 फीसदी है। कुशवाहा बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विरोधी भी माने जाते हैं।

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