बुधवार शाम को रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वतंत्र व निष्पक्ष निर्वाचन सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित लगभग 14,000 मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग की जाएगी। 2 दिवसीय मध्यप्रदेश दौरे में रावत ने इंदौर और भोपाल में जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने भोपाल में राजनीतिक दलों के साथ भी बैठक की। बैठक में राजनीतिक दलों की तरफ से अनेक सुझाव चुनाव आयोग को दिए गए। इनमें कुछ दलों ने यह मांग रखी कि जब जीतने वाले और हारने वाले प्रत्याशी के बीच 1,000 वोट से कम का अंतर हो तब पुनर्गणना कराई जानी चाहिए, इसके साथ ही कुछ दलों ने मतदान केंद्रों पर वीडियोग्राफी कराने और मतदान केंद्रों के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की ताकि एक से अधिक बार वोट डालने वालों के प्रयास को रोका जा सके।
उन्होंने बताया कि हमने राजनीतिक दलों के सुझाव नोट कर लिए हैं और इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा तथा मध्यप्रदेश में पहली बार चुनाव आयोग ने विधानसभा स्तर पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं, जो दिव्यांग मतदाताओं की विशेष रूप से सहायता करेंगे।