इंदौर में 11 दिसंबर को नेहरू स्टेडियम के 10 कमरों में होगा मतगणना का कार्य

शनिवार, 1 दिसंबर 2018 (00:11 IST)
इंदौर। इंदौर जिले में विधानसभा चुनाव के लिए हुए मतदान की मतों की गणना 11 दिसंबर को नेहरू स्टेडियम के 10 कमरों में की जाएगी। मतगणना ठीक सुबह 8 बजे प्रारंभ होगी। मतगणना की व्यापक तैयारियां जारी हैं और मतगणना दलों के गठन की प्रक्रिया भी प्रांरभ कर दी गई हैं।
 
 
कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी निशांत वरवड़े ने बताया कि मतदान में प्रयुक्त की गई ईवीएम तथा वीवीपेट और डाक मतपत्र कड़े सुरक्षा प्रबंधों के साथ नेहरू स्टेडियम में बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखें गए हैं। उन्होंने बताया कि पारदर्शी रूप से मतों की गणना के लिए व्यापक इंतजाम किए जा रहें हैं। जिला निर्वाचन कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार तैयारियों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं। 
 
प्रारंभिक रूप से तय किया गया है कि नेहरू स्टेडियम में 10 कमरों में विधानसभा क्षेत्रवार मतगणना होगी। आठ विधानसभा क्षेत्रों के मतों की गणना एक-एक कमरों में तथा राऊ विधानसभा क्षेत्र के मतों की गणना दो कमरों में होगी। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के मतों की गणना के लिए 14-14 टेबलें लगाई जाएगी। इन टेबलों पर एक सुपरवाइजर तथा एक मतगणना सहायक रहेगा। हर टेबल के लिए माइक्रो आवजर्बर भी रहेगें। इस तरह प्रत्एक टेबल के लिए तीन-तीन कर्मचारी रहेगें। मतगणना दलों के गठन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई हैं।
 
मतगणना के लिए नियुक्त कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। डाक मतपत्रों की गणना के लिए अलग से टेबलें लगाई जाएगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार विधानसभा क्षेत्र देपालपुर में 22 राउंड में मतों की गणना की जाएगी। इसी तरह इंदौर-एक में 30 राउंड, इंदौर-दो में 29 राउंड, इंदौर-तीन में 19 राउंड, इंदौर-चार में 23 राउंड, इंदौर-पांच में 32 राउंड, महू में 23 राउंड, राऊ में 26 राउंड, सांवेर में 23 राउंड में मतों की गणना होगी।
 
मतगणना के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने पारदर्शी, निष्पक्ष और स्वतंत्र नीति तैयार की है। यह भी तय किया गया है कि प्रशासकीय तंत्र से कोई चूक न हो इसके लिए सभी जिलों में बेहतर और पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। 
 
उप जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. रजनीश श्रीवास्तव ने बताया है कि वोट गिनने में जिस अमले को तैनात किया जाएगा, उसकी निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों का रेंडमली चयन किया जाएगा। इस तरीके (रेंडमाइजेशन) के चलते किसी कर्मचारी को आखिरी समय तक यह मालूम नहीं हो सकेगा कि उसकी ड्यूटी किस टेबल पर लगेगी।

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