प्रदेश से लेकर केंद्र तक, राहुल के निशाने पर भाजपा ?

मध्यप्रदेश चुनाव को लेकर कार्यकर्ताओं में जोश भरने और आगे की रणनीति पर बात करने के उद्देश्य से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश के भोपाल में मेगा रोड शो किया, साथ ही साथ 20 हजार से भी अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया।
 
राहुल गांधी ने इस दौरान 3 बातों पर फोकस किया, जिसमें पहला- पार्टी बदलने या पैराशूट के जरिए पार्टी में एंट्री लेने वालों के प्रति कांग्रेस के नजरिए को साफ तौर पर रखने की कोशिश, दूसरा- ये बताने की कोशिश की कहीं किसी मुद्दे विशेष पर सिर्फ भाजपा का ही कॉपीराइट नहीं है बल्कि कांग्रेस भी सर्वधर्म और समरसता में विश्वास रखती है... और तीसरी बात - भाजपा को उसकी कमजोर नब्ज पर घेरने की कोशि‍श। 
 
ये तीनों ही बातें पार्टी अध्यक्ष के तौर पर जरूरी भी थी, जो प्रदेश चुनाव में उनके आगे के सफर में काफी मददगार साबित हो सकती हैं। पहले विषय को लेकर उन्हें तो फायदा हुआ ही, भाजपा भी अब बिन पेंदी के लोटे वाली कहावत को चरितार्थ करते नेता-कार्यकर्ताओं की तरफ से बेफिक्र हो गई है।
 
दूसरी बात को साफ करना उनके लिए इस कारण भी जरूरी था, क्योंकि चुनावी मौसम में कांग्रेस का हिंदूत्व और धर्म के प्रति जागृत होने वाले प्रेम को लेकर कांग्रेस पर लगातार सवाल खड़े होते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इसका जवाब कांग्रेस इस दिशा में लगातार आगे बढ़कर देने की कोशिश में है। और यही उस पोस्टर के जरिए भी बताया गया, जिसमें राहुल गांधी को शिवभक्त बताया गया। 
 
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि हाल ही में एक इंटरव्यू में कमलनाथ अपने धर्मप्रेमी होने का उदाहरण देते हुए कांग्रेस के धर्मप्रेम को साबित करने की कोशिश कर चुके हैं। साथ ही उनका यह भी कहना था कि धर्मप्रेमी सभी हैं, लेकिन हमने इसे कभी राजनीति से नहीं जोड़ा।
 
और तीसरी बात, जो हर राजनीतिक पार्टी अपने प्रतिद्वंदियों को लेकर करती है, आरोप प्रत्यारोप। राहुल गांधी ने अपनी सभा में शिवराज सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्हें घोषणावीर करार दि‍या। 
 
मध्यप्रदेश में अपराध, किसानों के मुद्दे, व्यापम घोटाला, बेरोजगारी के हालात और कुपोषण को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधा ही, साथ ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए राफेल डील, विजय माल्या और जीएसटी जैसे मुद्दों पर भी घेरने की कोशिश की। 
 
राहुल गांधी ने अपने मध्यप्रदेश दौरे के दौरान ये समझाने की भरपूर कोशिश की, कि अब मध्यप्रदेश के लोगों की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। 

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