सभी बैंकों से किसानों की कर्ज संबंधी जानकारी मंगाई जा रही है। प्रशासन से जुड़े विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री की शपथ लेते ही किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया जाएगा। सरकार ऐसे किसानों की कर्ज माफी करने की तैयारी में है जिसने 2009 के बाद प्रदेश के सहकारी बैंकों से कर्ज लिया है। सरकार के कर्ज माफी के ऐलान से सूबे के तकरीबन 33 लाख किसानों को फायदा होगा, वहीं सरकार पर 20 हजार करोड़ रुपए का भार आएगा।
सूबे में 15 साल बाद सत्ता में वापस आ रही कांग्रेस के लिए इस बार चुनाव में कर्ज माफी का वादा ट्रंप कार्ड माना गया है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में किसानों की कर्ज माफी का वादा किया था। वहीं चुनावी कैंपेन में राहुल गांधी ने कहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता बनते ही 10 दिन के अंदर कर्ज माफी का ऐलान किया जाएगा। अब 17 दिसंबर को कमलनाथ मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं तो तय माना जा रहा है कि मध्यप्रदेश के किसानों को जल्द की कर्ज माफी का तोहफा मिलेगा।
कर्ज माफी पर किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केदार सिरोही कहते हैं कि कांग्रेस सरकार अपने वचन पत्र में कर्ज माफी समेत किए गए हर वादे को पूरा करेगी। कांग्रेस के कर्जमाफी पर निवर्तमान कृषिमंत्री गौरीशंकर बिसेन कहते हैं कि नई सरकार को कर्ज माफी करना आसान नहीं होगा। इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर काफी तैयारी करनी होगी।