मप्र चुनाव : मुख्यमंत्री और 'मामा' दोनों की भूमिका में नजर आ रहे हैं शिवराज
शनिवार, 17 नवंबर 2018 (21:34 IST)
भोपाल। लगातार चौथी बार सत्ता में आने के लिए प्रयासरत 'मामा' के नाम से लोकप्रिय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आजकल प्रदेश के विभिन्न भागों में ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार कर रहे हैं। इस दौरान वे हेलीकॉप्टर के अंदर ही झपकी लेकर अपनी नींद पूरी करते हैं और अपने घर का बना भोजन ले जाकर खाते हैं ताकि इस विशाल प्रदेश के हर हिस्से को कवर किया जा सके।
रैलियों में प्रदेश के बच्चे-बच्चियों द्वारा 'मामा-मामा' कहे जाने पर उनका जवाब देते हुए चौहान उनसे कहते हैं कि आपके मामा आपका ख्याल रखेंगे। इसके अलावा वे अपनी किसी भी रैली में कांग्रेस पर तंज कसने से कभी नहीं चूकते। भाजपा पिछले 15 साल से मध्यप्रदेश में सत्ता में है। 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से भी सत्ता में वापसी के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह की अगुवाई में वर्ष 1993 से वर्ष 2003 तक के कांग्रेस नीत 10 साल के शासन की ओर इशारा करते हुए चौहान ने शनिवार को प्रचार अभियान के दौरान बताया कि जब तक रहेगा दिग्गी (मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह) तब तक जलेगी डिब्बी। उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय के शासन के जमाने में प्रदेश की जनता को लगता था कि जब तक दिग्विजय सिंह सत्ता में रहेंगे, तब तक उन्हें (जनता को) अपने घर में रात में उजाला करने के लिए मिट्टी तेल की चिमनियां (ढिबरी) जलानी पड़ेंगी।
भाजपा मध्यप्रदेश में चौथी बार लगातार सत्ता में आने के लिए चौहान की छवि पर काफी हद तक निर्भर है, जबकि कांग्रेस नेता महसूस कर रहे हैं कि चौहान के खिलाफ इस बार सत्ता विरोधी लहर है। चौहान मध्यप्रदेश में नवंबर 2005 से मुख्यमंत्री हैं।
नीमच जिले के जावद विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत रतनगढ़ जाते वक्त चौहान ने हेलीकॉप्टर में कहा कि कांग्रेस पिछले 15 साल से मध्यप्रदेश में सत्ता से बाहर है और जब उनको लगता है कि मैं चौथी बार लगातार सत्ता में आ रहा हूं, तो कांग्रेस नेताओं को गुस्सा आने लगता है तथा वे मुझ एवं मेरे परिवार के सदस्यों पर निराधार आरोप लगाने लगते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ऐसा ही कर रहे हैं और उन्होंने (राहुल) मेरे बेटे तक को नहीं छोड़ा और उसका नाम पनामा पेपर लीक में घसीटा।
प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा शनिवार को जारी दृष्टिपत्र (घोषणापत्र) पर चौहान ने कहा कि संसाधनों पर समाज के हर वर्ग का हक है और हमारा दृष्टिपत्र हर गरीब को उसकी बुनियादी जरूरतें रोटी, कपड़ा, मकान, बच्चों की पढ़ाई और बीमारों की दवाई उपलब्ध कराने का संकल्प पत्र है तथा पार्टी के दृष्टिपत्र में गरीबों और किसानों को प्राथमिकता दी गई है। छोटे किसानों (लघु एवं सीमांत) के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं, जो गेम चेंजर (बाजी पलटने वाले) साबित होंगे।
चौहान ने कहा कि कांग्रेस द्वारा हाल ही में जारी अपने घोषणापत्र में किसानों को (2 लाख रुपए तक की) कर्जमाफी की बात कही गई है। इसकी बजाय भाजपा ने किसानों के हित के लिए अपने दृष्टिपत्र में विशेष प्रावधान किए हैं, जो उन्हें सम्मान से जीने का अधिकार देंगे। (भाषा)