श्रीदेवी एक ऐसी अभिनेत्री रही हैं जिन्होंने कई भाषाओं (हिन्दी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, और कन्नड़) की फिल्मों में अभिनय किया है। श्रीदेवी एक बहुमुखी कलाकार थीं। उनको हर तरह की भूमिकाओं को पर्दे पर जीवंत करने के लिए जाना जाता है। श्रीदेवी हर तरह के किरदार में अपने आपको फिट कर लेती थीं, चाहें वह कोई गंभीर भूमिका हो या कोई हास्य भूमिका। हर तरह के किरदार में अपने आपको पर्दे पर ढालना श्रीदेवी की सबसे बड़ी खूबी थी।
श्रीदेवी को 1990 के दशक में सबसे अधिक भुगतान पाने वाली महिला 'सुपरस्टार' के रूप में भी जाना जाता है। श्रीदेवी ने 1975 में आई फिल्म 'जूली' से पदार्पण किया था। श्रीदेवी ने बॉलीवुड में प्रमुख अभिनेत्री के तौर पर 'सोलवां सावन' से 1978 में पदार्पण किया। सोलवां सावन के 5 साल बाद श्रीदेवी ने 'हिम्मतवाला' में जितेन्द्र के साथ काम किया। फिल्म 1983 में रिलीज हुई और वर्ष की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन गई। इस फिल्म का गाना 'नैनों में सपना...' काफी मशहूर हुआ। इसके अलावा श्रीदेवी ने कई बड़ी फिल्मों में भी अहम किरदार निभाए। इनमें प्रमुख रूप से 'सदमा', चांदनी', चालबाज', नगीना', 'सरफरोश', मिस्टर इंडिया' जैसी दर्जनों फिल्में थीं जिनमें निभाए हुए किरदारों की वजह से श्रीदेवी भारत के जनमानस के दिलों पर राज करने लगीं।
90 के दशक में श्रीदेवी की फिल्मों के सदाबहार गानों और उनके नृत्य की भी धमक रहती थी। इनमें प्रमुख रूप से 'हिम्मतवाला' फिल्म का 'नैनों में सपना...', 'चांदनी' फिल्म का 'चांदनी ओ मेरी चांदनी...', 'नगीना' फिल्म का 'मैं नागिन तू सपेरा...', 'मिस्टर इंडिया' फिल्म के 'करते हैं हम प्यार मिस्टर इंडिया से...' 'हवा हवाई...', 'काटे नहीं कटते ये दिन, ये रात...', 'लम्हे' फिल्म का 'मोरनी बागा मा बोले आधी रात मा...', 'रूप की रानी चोरों का राजा' फिल्म का 'रूप की रानी चोरों का राजा...' सहित दर्जनों पॉपुलर गानों के साथ अपने नृत्य और प्रदर्शन से करोड़ों लोगों के दिलों पर राज किया।
श्रीदेवी ने अपने फिल्मी करियर में 5 फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते हैं जिनमें से 4 फिल्मों (लम्हे- हिन्दी, चालबाज- हिन्दी, मीनदुम कोकिला- तमिल, क्षणा क्षणं- तेलुगु फिल्म) के लिए फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड और '16 वयतिनिले' फिल्म के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवॉर्ड-साउथ मिला है। उन्हें 10 बार फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया। श्रीदेवी को 2013 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पदमश्री से उस समय के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
'जैसे को तैसा', 'जूली', 'सोलवां साल', 'हिम्मतवाला', 'जस्टिस चौधरी', 'जानी दोस्त', 'कलाकार', 'सदमा', 'अक्लमंद', 'इंकलाब', 'जाग उठा इंसान', 'नया कदम', 'मकसद', 'तोहफा', 'बलिदान', 'मास्टरजी', 'चालबाज', 'सरफरोश', 'आखिरी रास्ता', 'भगवान दादा', 'धर्म अधिकारी', 'घर संसार', 'नगीना', 'कर्मा', 'सुहागन', 'सल्तनत', 'औलाद', 'हिम्मत और मेहनत', 'नजराना', 'जवाब हम देंगे', 'मिस्टर इंडिया', 'शेरनी', 'सोने पे सुहागा', 'चांदनी', 'गुरु', 'निगाहें', 'बंजारन', 'फरिश्ते', 'पत्थर के इंसान', 'लम्हे', 'खुदा गवाह', 'हीर-रांझा', 'चन्द्रमुखी', 'गुमराह', 'रूप की रानी चोरों का राजा', 'चांद का टुकड़ा', 'लाड़ला', 'आर्मी', 'मि. बेचारा', 'कौन सच्चा कौन झूठा', 'जुदाई', 'इंग्लिश विंग्लिश', 'मॉम' जैसी सैकड़ों फिल्मों में अपने दमदार अभिनय से हर तरीके की भूमिकाओं से पहचान बनाने वाली श्रीदेवी का जिंदादिल अभिनय भारत के प्रत्येक नागरिक के दिलों में हमेशा जिंदा रहेगा।