प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा GIS 2025 का शुभारंभ प्रदेशवासियों के लिये गौरवशाली क्षण

मध्यप्रदेश की राजधानी और झीलों की नगरी भोपाल में सोमवार को नया इतिहास रचा गया है। हमारे लिए यह गौरव की बात है कि 8 वीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के इस ऐतिहासिक समागम का शुभारंभ हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद के साथ हुआ है। ये दो दिन मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास के नये आयाम स्थापित करेंगे। इस वर्ष की थीम है ‘अनंत संभावनाएँ’, जो मध्यप्रदेश में उद्योग और निवेश की असीमित संभावनाओं को दर्शाती है। इन्वेस्टर्स समिट के रूप में निवेश मनीषियों का यह समागम अनंत संभावनाओं के साथ विकास का नया इतिहास लिखने जा रहा है। हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि राजा भोज की नगरी भोपाल अपने गौरवशाली अतीत के साथ भविष्य की स्वप्निल उड़ान के लिये तैयार है।
 
हमें अति प्रसन्नता है कि दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र के सबसे बड़े नायक, यशस्वी प्रधानमंत्री स्वयं इस समिट के साक्षी बने और उन्होंने मध्यप्रदेश को स्वर्णिम विकास का आशीर्वाद दिया। समिट में अनेक देशों के प्रतिनिधि, उद्योग जगत के प्रमुख उद्योगपति, निवेशक बंधु, मध्यप्रदेश के प्रवासी मित्र आदि शामिल हुए हैं। मैं इस समिट में पधारे सभी निवेशकों का अपने ह्दय की गहराइयों से मध्यप्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता की ओर से स्वागत करता हूं।
 
हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत विकास की नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। आज पूरी दुनिया में भारत और भारतवासियों का सम्मान बढ़ा है। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि वर्ष 2047 तक भारत आर्थिक और सामरिक रूप से विश्व में सर्वश्रेष्ठ शक्ति बने। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प के अनुरूप ही मध्यप्रदेश ने विकास की रूपरेखा तैयार की है। विकास का यह स्वरूप विरासत के साथ वैश्विक भी है।
 
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि यशस्वी प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हम एक वर्ष पहले निवेश और औद्योगिक विकास की यात्रा पर निकले। मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह जल, वन,खनिज,पुरा और कृषि संपदा से समृद्ध है। विविधता से संपन्न प्रदेश के हर क्षेत्र की अपनी विशेषता है, क्षमता है, मेधा है और आवश्यकता है। इसी को केन्द्र में रखकर हमने पहली बार सबसे पहले रीजनल इन्वेस्टर्स समिट का नवाचार किया। इसमें प्रदेश के हर क्षेत्र का कौशल और उद्यम शामिल हुआ। हमने व्यापार में सरलता और निवेशकों के साथ सीधे संवाद को प्राथमिकता दी। मार्च 2024 में उज्जैन से शुरू हुई इस निवेश यात्रा में जबलपुर, ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, नर्मदापुरम, मुंबई, कोयंबटूर, बेंगलुरु, कोलकाता, पुणे, दिल्ली, यूके, जर्मनी और जापान आदि शामिल हैं। इन विभिन्न सम्मेलनों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रोड-शोज के माध्यम से मध्यप्रदेश ने 4.8 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं। इन निवेश प्रस्तावों ने लगभग 2 लाख नए रोज़गार के अवसर सृजित किए हैं, जो प्रदेश के प्रति निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
 
हमने वर्ष-2025 को ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया और लक्ष्य निर्धारित किया। इसी दिशा में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कदम उठाये। निवेश को सरल,सहज और व्यवहारिक बनाने के लिए विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों के लिए विशेष नीतियां बनाई गईं। निवेश, उद्योग, ऊर्जा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, नवाचार, अनुसंधान, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 19 नई नीतियां लेकर आए हैं। इन नीतियों से ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल एवं गारमेंट, कृषि, दवा उत्पादन, आईटी, डाटा सेंटर एवं जी.सी.सी, एनिमेशन एवं गेमिंग, ड्रोन एवं सेमी-कंडक्टर, खनिज, पेट्रोलियम, पर्यटन, शिक्षा तथा चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश कर अच्छा वित्तीय लाभ प्राप्त किया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को देश का टेक्सटाइल कैपिटल और मैन्युफैक्चरिंग का फेवरिट डेस्टिनेशन कहा है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है। साथ ही हमें टेक्सटाइल, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी का ‘ट्रिपल-टी’ मंत्र दिया है, हम उस मंत्र का अनुसरण करेंगे।
 
हम भाग्यशाली है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और आशीर्वाद से मध्यप्रदेश को लगातार महत्वपूर्ण सौगातें मिल रही हैं। इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था ने तेजी से विकास करते हुए अन्य प्रदेशों से चार गुना से अधिक प्रगति की है। केन्द्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार, डबल डिजिट की विकास दर के साथ निरंतर आगे बढ़ रही है।
 
उद्योगों के विकास और विस्तार के लिए भूमि, जल, बिजली और कुशल कार्यबल आवश्यक है। मुझे यह बताते हुए संतोष है कि हमारे प्रदेश में सरप्लस बिजली है, पर्याप्त पानी है, विशाल लैंड बैंक है और स्किल्ड मेन पॉवर है। कुशल कार्यबल निर्मित करने के लिए हमने ग्लोबल स्किल पार्क की स्थापना की, जिसमें कौशल संवर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।
 
प्रदेश में विकास, निर्माण और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ईज ऑफ डूइंग व्यवस्था की गई, देश में सबसे पहले मध्यप्रदेश लोक सेवा गारंटी लागू कर समय पर सेवाएं प्रदान करने का क्रम निर्मित किया। किसानों के लिए लाभकारी लैंड-पूलिंग योजना लागू की और कृषि उपज व्यवस्था कोसीधे उद्योग जगत से जोड़ा। मध्यप्रदेश की जीवन रेखा माँ नर्मदा से यहां जल संपदा की प्रचुरता है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में प्रदेश को केन-बेतवा और पार्वती-काली सिंध-चंबल रिवर लिंक परियोजना की सौगात मिली है।
 
ऊर्जा संपन्न मध्यप्रदेश ने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में कई नवाचार किए। रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को बिजली की आपूर्ति हो रही है। वर्ष 2030 तक प्रधानमंत्री जी द्वारा नवकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन उत्पादन का जो लक्ष्य रखा है उसमें मध्यप्रदेश महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।
 
मध्यप्रदेश को देश का मुख्य इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए देशभर के एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। अधोसंरचना विकास के अंतर्गत मेगा फुटवेयर क्लस्टर (मुरैना), नवकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण (मोहासा-बाबई) और पीएम मित्रा पार्क (धार) सहित कई बड़े प्रोजेक्ट प्रगति पर हैं। विक्रम उद्योगपुरी (उज्जैन) में मेडिकल डिवाइसेज पार्क और 06 नए औद्योगिक क्षेत्रों का विकास हो रहा है। मुझे यह बताते हुए संतोष है कि आगामी वर्ष में 13 औद्योगिक पार्क पूर्ण होंगे और 20 नए औद्योगिक पार्कों का कार्य प्रारंभ किया जाएगा, जिससे प्रदेश में निवेश और रोज़गार के नए अवसर सृजित होंगे।
 
हमारा प्रदेश सांस्कृतिक धरोहरों से समृद्ध है। इस समिट में दुनिया भर से पधारे औद्योगिक प्रतिनिधि और निवेशक प्रदेश के पर्यटन और सांस्कृतिक वैभव से परिचित होंगे। हमने विरासत से विकास का संकल्प लिया है। भारत का वैभवशाली और समृद्ध इतिहास है। अपनी वैभवशाली विरासत के साथ इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्पेस टेक्नोलॉजी, डिफेंस टेक्नोलॉजी तथा अन्य प्रतिस्पर्धी क्षेत्रों में निवेश को केन्द्रित किया गया है।
 
प्रधानमंत्री जी का संकल्प है आजादी के 100वें वर्ष यानी वर्ष 2047 तक भारत को 35 ट्रिलियन डॉलर की पूर्ण विकसित अर्थव्यवस्था बनाना और विश्व की सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित करना है। विकसित भारत निर्माण के इस संकल्प में आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति, पर्यावरणीय स्थिरता और सुशासन सहित विकास के विभिन्न पहलू शामिल हैं। प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प की पूर्ति में मध्यप्रदेश सहभागी बनने के लिये प्रतिबद्ध है। यह समिट प्रधानमंत्री जी के सकंल्प,प्रदेश के विकास और जनता के विश्वास को पूरा करेगी।
 
इस समिट में क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय उद्योग जगत शामिल हो रहा है। यह पहला अवसर है जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में गांव से लेकर ग्लोबल का समागम हो रहा है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि यह समिट मध्यप्रदेश की आधारभूत प्रगति और समृद्धि की नई इबारत लिखेगी। विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के साथ विकसित भारत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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