उसने कहा था, कोई शक्ति उसे खींच रही है.....

भूतों के वैज्ञानिक प्रमाण देने वाले एक दोस्त की रहस्यमयी मौत!
 
भूत प्रेतों को टीवी पर जमकर टीआरपी मिलती है। इस पर बहस भी बहुत होती है कि भूतों के कार्यक्रमों के जरिए अंधविश्वास फैलाया जाता है। मुझे भी ये अंधविश्वास लगता था जब तक मेरी मुलाकात गौरव तिवारी से नहीं हुई थी। गौरव ने पैरानॉर्मल सोसाईटी बनाकर एक नई शुरूआत की। वो भूतों को न मानते हुए नकारात्मक ऊर्जाओं को मानते थे। टीवी इतिहास में ये एक नई शुरूआत थी क्यूंकि अब भूतों के बारे में बोलने वालों में सिर्फ ज्योतिषी, तांत्रिक या कर्मकांडी पूजारी या मौलाना ही नहीं थे बल्कि अपने अलग अलग उपकरणों के साथ ‘HAUNTED’ यानि भूतहा कही जाने वाली जगहों की पड़ताल करने वाले युवाओं की एक पूरी टीम थी।
उनके वैज्ञानिक प्रमाणों ने तर्कशास्त्रियों और रेशनलिस्टों के सामने एक नई चुनौती पेश कर दी थी। जहां भूतों को मानने वाले अलग अलग धार्मिक ग्रंथों की अपने हिसाब से व्याख्या करते थे वहीं गौरव इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कैद होने वाली अस्वभाविक या परा प्रभाव वाली गतिविधियों को कैद कर प्रमाण के तौर पर रखते थे। उनके इस शौक को पहचान तब मिली जब देश भर में खतरनाक कही जाने वाली जगहों पर रातों में रुक रुककर उन्होंने कई प्रमाण जुटाए। इसे एक नए किस्म का व्यवसाय भी कहा गया क्यूंकि गौरव को कई लोगों ने अपने घर बुलाकर ऐसे मामलों के बारे में बताना शुरू किया। गौरव का ये दावा था कि नकारात्मक ऊर्जा से कोई भी इंकार नहीं कर सकता। ये जरूर है कि इसके जैसे रूप को फिल्मों में दिखाया जाता है वो संभव नहीं है। वैज्ञानिक रूप से इन्हें पता करने के लिए कुछ और एडवांस उपकरणों की आवश्यकता है।
 
गौरव के इस नए करियर की शुरूआत मेरे ही एक शो से हुई थी। इसके बाद उन्हें सिर्फ न्यूज चैनल ही नहीं बल्कि कई मनोरंजन चैनलों पर देखकर भर खुशी होती थी। कई शोज में गौरव बाद में भी साथ रहे और फोन पर भी ऐसे मसलों पर कई बार हमारी बात होती थी। मैंने एक बार मजाक में कहा भी था भूत होते हैं या नहीं का तो पता नहीं लेकिन तुम सेलीब्रिटी बन गए हो गौरव। गौरव ने बताया था कि ये बहुत जोखिम भरा काम है इस पर चाहे जितनी बहस या आलोचनाएं हों, विज्ञान को भी समझना होगा कि बातों को सिरे से खारिज करने से कुछ नहीं होगा। हमारे इर्द गिर्द ऐसा बहुत कुछ होता है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
मुझे वो और उनकी पूरी टीम बहुत दिलचस्प लगी। ये सभी पढ़े लिखे नौजवान थे। अभी तक भूतों की बात करने वालों को अनपढ़ ही माना जाता था। विदेशों में ऐसी कई सोसाइटीज काम कर रही थीं जो इस तरह के वैज्ञानिक प्रमाण रहस्यमयी जगहों के बारे में रखती थी। गौरव ने ऐसी ही सोसाईटीज से प्रेरणा लेते हुए पैरानॉर्मल सोसायटी बनाई। वो लगातार रहस्यमयी बातों, घटनाओं और जगहों को खंगाल रहे थे लेकिन उनकी मौत ही अब एक बड़ा रहस्य बन गई है। आज सुबह अखबार में उनकी मौत की खबर पढ़कर मैं सन्न रह गया। विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गौरव की मौत हो गई वो भी रहस्यमयी परिस्थितियों में।
खबर के मुताबिक उनकी पत्नी और पिता ने बाथरूम से बहुत तेज आवाज सुनी। वे उस और दौड़े तो देखा गौरव जमीन पर पड़े थे। पुलिस तफ्तीश के बाद जानकारी दी गई कि उनके गले पर काला निशान दिखाई दे रहा है। गौरव के पिता के मुताबिक वो भूत प्रेतों को नहीं मानते लेकिन गौरव काफी दिनों से अपनी पत्नी से कह रहे थे कि कोई नकारात्मक शक्ति उन्हें अपनी तरफ खींच रही है। वो पिछले कुछ दिनों से परेशान थे। उनकी पत्नी ने इसे महज काम का तनाव माना था लेकिन उनकी रहस्यमयी मौत ने पूरे परिवार को सकते में डाल दिया। मेरे लिए इसपर कुछ भी कहना मुश्किल है क्यूंकि मैं इस विषय का जानकार नहीं लेकिन इतना जरूर कह सकता हूं कि गौरव को जानता था और वो बेहद सुलझा और समझदार लड़का था। उसके पिता ने भी हाल के दिनों में उसे पूरी तरह स्वस्थ बताया ऐसे में उसके आत्महत्या करने की थ्योरी पर उनके लिए विश्वास करना संभव नहीं हो पा रहा है। उनका ये भी कहना है कि दूर दूर तक ऐसी कोई वजह भी नहीं कि वो ऐसा कदम उठाए। गौरव को मेरी श्रद्धांजलि।

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