कित्ता ही न्यू मार्केट घूम लो, राजबाड़ा से कोई बराबरी नी...और डीबी मॉल जैसे तो इंदौर में चार चार हैं भिया... कां जाना है कां नी, डिसाइड करने में ही १५ मिनट लग जाते हैं। हां जनजातीय संग्रहालय कि ज़रूर तारीफ करनी पड़ेगी। बाकि इसके अलावा तो बस वो छोटा तालाब और बड़ा तालाब ही है और क्या...वो तो हमने रीजनल पार्क में ही बोटिंग करने लायक बना लिए हैं। और भोपाल में कभी जबरन कालोनी, पागनीस पागा जैसे नाम तो जीवन में नी सुने होंगे...। और नी नी करके स्वच्छता के मामले में भी इंदौर आगे हो गया है...इसलिए भिया अपना इंदौर अपना इंदौर है, भोपाल में वो बात नी है ...। चलो अब जरा सामान्य भाषा में समझा दूं ...।