आत्म-जागरूकता( सेल्फ अवेयरनेस)- भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं पर चिंतन करने से छात्रों को आत्म-जागरूकता विकसित करने में मदद मिल सकती है, जिससे वे अपनी ताकत, कमजोरियों और लक्ष्यों को पहचानने में सक्षम हो सकते हैं। समग्र रूप से हम यह कह सकते हैं कि भगवान श्री कृष्ण के जीवन और चरित्र को पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्रों के चरित्र विकास, शैक्षणिक प्रदर्शन और सामाजिक और भावनात्मक कल्याण पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। उनके जीवन और शिक्षाओं का अध्ययन करके, छात्र आवश्यक जीवन कौशल, मूल्य और दृष्टिकोण विकसित कर सकते हैं जो उन्हें जीवन भर लाभान्वित कर सकते हैं।
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