रामायण धर्म और अधर्म की कहानी है। साफतौर से पता चलता है कि राम धर्म के लिए लड़े तो रावण अधर्म के लिए जाना गया। जाहिर है जो रावण की तरफ था वो अधर्म के साथ था, लेकिन बुधवार रात के रामायण के एपिसोड में कुछ ऐसा हुआ कि रावण की तरफ से लड़ने वाले एक किरदार के वध पर कई लोगों की आंखें नम हो गई। इतना ही नहीं, इस चरित्र ने देश के कई लोगों का अपने विचारों से दिल जीत लिया।
बात हो रही है रावण के छोटे भाई कुंभकर्ण की। अब तक हम कुंभकर्ण को सिर्फ ज्यादा खाने और सोने के लिए ही जानते थे, लेकिन हाल ही के 'रामायण' के एपिसोड ने धारणा ही बदल दी। अपने भाई विभिषण को उन्होंने चर्चा में कहा कि तुम अपने स्वामी का साथ देकर अपना धर्म निभाओ और मैं अपने भाई के साथ रहकर अपना धर्म निभाता हूं।
धर्म के बारे में कुंभकर्ण के विचार सुनकर हर कोई प्रभावित था। दरअसल, कुंभकर्ण को पता था कि भगवान राम विष्णू का अवतार हैं और उनसे लड़ने का मतलब मौत ही होना तय है, बावजूद इसके उन्होंने अकेले रह गए अपने भाई का साथ देना अपना धर्म समझा।