विदेशों में टैटू यानि गुदना कला, सौंदर्यता की चकाचौंध को बढ़ावा देने व अपने को जो अच्छा लगे, उन प्रतीक चिन्हों को शरीर पर बनाए जाने का चलन जोरों पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुदना कला को लोग वर्षों से बनवाते आ रहे हैं किंतु वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में इस कला का चलन धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है।
गुदना कला यानि सौंदर्यता के वे चिन्ह, जिनसे स्थाई रूप से सजने-संवरने हेतु रोजाना से निजात मिलती है। कई गुदना कलाकार गुदना के चलन कम होने से दुखी हैं। वे स्वयं की तैयार की गई या पारंपरिक चित्रकारी को प्रयोग में लाते हैं।विदेशों में इसका प्रभाव बरकरार है किंतु यहां धीरे-धीरे कम होता दिखाई दे रहा है।