ये है गौरव तिवारी की मौत का रहस्य...

इंडि‍यन पैरानॉर्मल सोसायटी के सीईओ और फाउंडर गौरव तिवारी का निधन, वह भी संदिग्ध परिस्थतियों में, हर किसी के लिए चौंकाने वाला मामला है। गौरव तिवारी पराविज्ञान और अंधविश्वास के दायरे में आने वाली ऐसे कई सवालों का जवाब लोगों के सामने रख चुके थे, जो सिर्फ वैज्ञानिक आधार को ही मानते और स्वीकारते हैं।
सच, झूठ, अंधविश्वास या विश्वास से परे एक रोमांच से भरे विषय पर न केवल उन्होंने प्रकाश डाला बल्कि वैज्ञानिक आधार पर भी उसकी पुष्ट‍ि की। भूत प्रेतों की अपनी दुनिया है, उनसे जुड़ी हमारी अलग मान्यताएं हैं। उन से जुड़े हमारे कई सवाल भी होते हैं कई बार, जैसे ...मरने के बाद क्या होता है...? क्या आत्माओं से बात की जा सकती है...? आत्माएं क्या हैं?  कैसे बोलती हैं?....और भी बहुत कुछ...। ऐसी कई बातों  के जवाब गौरव तिवारी ने लोगों के सामने रखे।
 
कुछ समय पहले ही मैंने भी आजतक पर उनका एक प्रोग्राम देखा था, जिसमें न्यूज एंकर और अपनी टीम के साथ रात के वक्त वे कब्रिस्तान गए थे और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की सहायता से उन्होंने न केवल वहां आत्माओं के उपस्थ‍ित होने की पुष्ट‍ि की, बल्कि उनसे बात भी की थी। हालांकि चैनल और गौरव की टीम वहां ज्यादा समय नहीं रुक पाई, क्योंकि मशीन द्वारा प्राप्त जवाबों के अनुसार कब्रिस्तान में मौजूद आत्माएं यह नहीं चाहती थीं, कि टीम वहां और रुके। टीवी पर दिखाए गए दिखाए गए कार्यक्रम के अनुसार, कथित आत्माओं ने गौरव को ''गॉड ब्लेस यू'कहकर वहां से जल्द से जल्द जाने के लिए गया जि‍सके बाद टीम वहां नहीं रुकी। उस प्रोग्राम को अब भी यूट्यूब पर देखा जा सकता है।
 
भूतों के बारे में कितने ही अनजाने डर और खौफनाक कहानियां व्याप्त होंं इस दुनिया में, पर वैज्ञानिक आधार पर आत्माओं पर रिसर्च करने वाले गौरव ने कभी भूतों के नाम से दुनिया को डराया नहीं, बल्कि उनसे न डरने के लिए प्रेरित किया, क्योंकि वे भी हमारी ही तरह हैं, बस उनके पास हमारी तरह शरीर नहीं है। वे माइंड से काम करती हैं और हम माइंड और बॉडी दोनों से। वे हर जगह है, लेकिन आपको बगैर किसी कारण के नुकसान नहीं पहुंचाती। वे किसी को डराना नहीं चाहतींं, बल्कि ये बताना चाहती हैं कि उनका अस्तित्व है।
 
गौरव तिवारी की मौत को रहस्य समझा गया, लेकिन बाद में उनके द्वारा फांसी लगाए जाने की खबरें भी सोशल मीडिया का हिस्सा बनीं। उनकेे द्वारा, अपनी पत्नी को कही गई यह बात अब भी सुर्खियां बटोर रही हैं, कि कोई नकारात्मक शक्ति उन्हें खींच रही थी...। अगर इस बात पर भी गौर किया जाए, तो इसमें कोई बड़ी बात नहीं, कि सच में कोई नकारात्मक शक्ति उन्हें खींच रही हो। "तो क्या उन्हें सच में किसी नकारात्मक शक्ति ने अपनी ओर खींच लिया?यह बात मैं किसी अंधविश्वास के आधार पर नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार पर कह सकती हूं, कि शक्ति का अर्थ सही मायनों में ऊर्जा से है, जिसे हम एनर्जी कहते हैं। और सिर्फ आत्मा या इंसान ही नहीं, बल्कि दुनिया का हर तिनका, चाहे वह निर्जीव ही क्यों न हो, एनर्जी से भरा हुआ है।
 
ईश्वर भी ऊर्जा है और आत्माएं भी। बीमारियां भी नकारात्मक ऊर्जा का नतीजा है और समाधान पॉ‍जीटिव। कई केसेस में डॉक्टर्स खुद मरीज को पॉजीटिव रहने की सलाह देते हैं, ताकि प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक व शारीरिक क्षति को रिकवर किया जा सके। शायद इसलिए ही कई बार दवा से ज्यादा दुआ काम कर जाती है, क्योंकि उसमें सकारात्मक ऊर्जा है। इस थ्योरी के अनुसार हमारे द्वारा लिखा और कहा गया हर शब्द भी ऊर्जा से भरा हुआ है, यही कारण है कि कई बार कही गई या लिखी गई बातें सच हो जाती हैं
 
इन मामलों में भी फर्क सिर्फ इतना है, कि ईश्वर को हम पॉजीटिव एनर्जी के रूप में देखते हैं और भूतों को नकारात्मक ताकतों के रूप में। रॉन्डा बर्न की ''द सीक्रेट, लॉ ऑफ अट्रैक्शन'' या ''रहस्य, आकर्षण का सित्द्धांत'' नामक मोटिवेशनल वीडियो को आपमें से कई लोगों ने देखा होगा, या इस किताब को पढ़ा होगा।

विज्ञान कहता है, हम जो सोचते हैं, चाहते हैं, उसे अपनी ओर अकर्षित करते हैं। इसलिए लोग अक्सर कहे सुने जाते हैं, कि ईश्वर हर पल मेरे साथ है। इसका अर्थ है कि आप उस सकारात्मक ऊर्जा को हर पल अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। गौरव, अपने काम के अनुसार पैरानॉर्मल चीजों के अध्ययन में व्यस्त रहते थे...उस काम के प्रति आकर्षित थे, तो जाहिर सी बात है कि वही ऊर्जा भी उन्हें आकर्षित करेगी। क्योंकि हर ऊर्जा...लगातार अपना काम कर रही है।  

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