उनकी अन्य फिल्मों में 'पति पत्नी, स्मगलर, बादल, हुस्न और इश्क, साथी, संघर्ष, गौरी, सत्यकाम, सच्चाई, ज्योति, जीने की राह, इंसाफ का मंदिर, ग़ुस्ताखी माफ, धरती कहे पुकार के, चंदा और बिजली, बंधन, प्रिया, मां का आंचल, इंसान और शैतान, गुनाह और कानून, देवी, दस्तक, बचपन, पारस, मन मंदिर, कंगन, एक पहेली, अनुभव, सुबह और शाम, सीता और गीता, सबसे बड़ा सुख, रिवाज, परिचय, सूरज और चंदा, मनचली, दूर नहीं मंजिल, अनामिका, अग्नि रेखा, अनहोनी, शानदार, ईमान, दावत, चौकीदार, अर्चना, मनोरंजन, हवलदार, आपकी कसम, कुंआरा बाप, उलझन, आनंद, धोती लोटा और चौपाटी, अपने रंग हजार, अपने दुश्मन, आक्रमण, फरार, मौसम, दो लड़कियां, जिंदगी, विश्वासघात, पापी, दिल और पत्थर, धूप छांव, अपनापन, अंगारे, आलाप, ईमान धर्म, यही है जिंदगी, शतरंज के खिलाड़ी, मुक्ति, तुम्हारे लिए, तृष्णा डॉक्टर, स्वर्ग नर्क, सावन के गीत, पति पत्नी और वो, मुकद्दर, देवता, त्रिशूल, मान अपमान, जानी दुश्मन, घर की लाज, बॉम्बे एट नाइट, हमारे तुम्हारे, गृह प्रवेश, काला पत्थर, टक्कर, स्वयंवर, पत्थर से टक्कर, बेरहम, अब्दुल्ला, ज्योति बने ज्वाला, हम पांच कृष्ण, सिलसिला, वक्त की दीवार, लेडीज टेलर, चेहरे पे चेहरा, बीवी ओ बीवी, इतनी सी बात, दासी, विधाता, सिंदूर बने ज्वाला, श्रीमान श्रीमती, नमकीन, लोग क्या कहेंगे, खु़द्दार, अय्याश, हथकड़ी, सुराग़, सवाल, अंगूर, हीरो और यादगार' शामिल हैं।
उन्होंने पंजाबी फिल्म 'फौजी चाचा' में भी काम किया। कई फिल्में उनकी मौत के बाद प्रदर्शित हुईं, जिनमें 'बद और बदनाम, पाखंडी, मेरा दोस्त मेरा दुश्मन, लाखों की बात, जबरदस्त, राम तेरे कितने नाम, बात बन जाए, हाथों की लकीरें, लव एंड गॉड, कांच की दीवर, कत्ल, प्रोफेसर की पड़ौसन और राही' शामिल हैं। संजीव कुमार के दौर में हिंदी सिनेमा में दिलीप कुमार, धर्मेंद्र, राजेश खन्ना, अमिताभ बच्चन और शम्मी कपूर जैसे अभिनेताओं का बोलबाला था। इन अभिनेताओं के बीच संजीव कुमार ने अपनी अलग पहचान कायम की। उन्होंने अभिनेता और सहायक अभिनेता के तौर पर कई यादगार भूमिकाएं कीं।