सरकारी दफ्तरों में योग की शाश्वत क्रियाएं

आजकल टेलीविजन पर योग को लोकप्रिय बनाने हेतु विविध कार्यक्रम तथा योग गुरु सक्रिय हैं। शिल्पा शेट्टी भी व्यक्तिगत रूप से मुझे योग हेतु आमंत्रित कर चुकी हैं। 
'कभी-कभी मेरे दिल में खयाल आता है' गाना सुनते हुए मुझे यह विचार आया कि अपने देश में योग को लोकप्रिय बनाने हेतु इस प्रकार के प्रपंचों की शायद कोई जरूरत ही नहीं है। हमारे देश में सर्वाधिक योग क्रियाओं का प्रदर्शन सरकारी विभागों में दृष्टिगोचर होता है।
 
कहा जाता है कि सुन्दरता देखने वाले की आंखों में होती है, वैसे ही सरकारी योग क्रियाएं ज्ञात करने का कौशल देखने वाले की दृष्टि में होना चाहिए। सरकारी कर्मचारियों की योग क्रियाएं देखने हेतु आप में दिव्य दृष्टि होना एक जरूरी अवयव है।
 
सरकारी विभागों के कर्मचारी योग क्रियाओं में दक्ष होते हैं। दफ्तर में यदि किसी काम से आपका जाना हो तो आप पाएंगे कि विभागीय भृत्य 'उंघासन' की स्थिति में निर्लिप्त भाव से योग करता रहता है। ये जीव लकड़ी की बेंच पर बैठे-बैठे उंघने लगता है।
 
सोने की क्रिया भले आसान क्रिया हो किंतु उंघने का आसन बेहद कठिन सिद्धि है तथा वर्षों के सतत अभ्यास के बाद इसे हासिल किया जाता है।
 
भृत्य से प्रथम आसन सीखने के बाद आपका सामना सरकारी अमले के कर्णधार बाबू से होता है। योग के मामले में शासकीय बाबुओं ने इस मिथक को तोड़ने का कार्य किया है कि योग क्रियाओं हेतु आपका चुस्त-दुरुस्त रहना अनिवार्य है। इन्होंने हमें सिखाया है कि मोटी तोंद के साथ भी सरकारी योग किए जाते हैं।
 
बाबू योग के जिस आसन को सबसे आसानी से करते हैं वो है 'कामटालु आसन। ये एक बेहद संवेदनशील आसन है तथा अनेक बाबुओं में इस योग को करने का कौशल नैसर्गिक रूप से विद्यमान होता है।
 
कामटालु आसन में बाबू अधिकांश बाबू सिर्फ आंखों तथा हाथ का इस्तेमाल करते हैं। अपना काम कराने आए किसी भी आगंतुक को ये इस आसन में सिर्फ आंखों के इशारे से समझा देते हैं कि 'बाद में आना अभी आपका काम नहीं हुआ है'। कुछ कम अनुभवी बाबुओं को इस योग को करने हेतु आंखों के अलावा हाथ का इशारा कर 'ना' करने की क्रिया भी आती है।
 
सरकारी दफ्तरों में कुछ आसन ऐसे हैं जिनका चलन प्रचुर मात्रा में अपनी मौजूदगी का एहसास कराता है। जैसे ही आप किसी सरकारी भवन में प्रवेश करते हैं आपको सरकारी नुमाइंदे योग की भिन्न-भिन्न क्रियाएं करते नजर आ जाते हैं। यहां प्रतिदिन किए जाने वाले कुछ अतिलोकप्रिय आसन निम्नवत हैं-
 
1. चापलूसी आसन- सरकारी विभागों में ये एक बेहद आसान योग क्रिया है। भृत्य से लेकर बड़े साब तक इस क्रिया का इस्तेमाल गाहे-बगाहे करते रहते हैं। इस योगक्रिया हेतु आपको अपना आत्मसम्मान क्षणिक रूप से खूंटी पर टांगना होता है तथा कमर के ऊपरी हिस्से को ओहदे में अपने से बड़े अधिकारी के समक्ष 45 डिग्री अंश पर झुकाए रखना होता है।
 
2. चायासन- ये सरकारी विभागों की सर्वाधिक लोकप्रिय योग मुद्रा है। आपको गिलास को पकड़े हुए तथा 'सुड़क' की विशेष ध्वनि के उच्चार के साथ सुबह से शाम तक चाय पीने की मुद्रा में चायासन करते कर्मचारी नजर आते हैं। 
 
3. चुगली आसन- ये आसन विभागों में प्रचुरता के साथ किया जाने वाला आसन है। इस आसन में कर्मचारी अपने समकक्ष, कनिष्ठ अथवा वरिष्ठ अधिकारियों की चुगली कर अपना परचम ऊंचा बनाए रखते हैं। इसे करने हेतु साधक को अपनी आंख और कान सदैव खुले रख जानकारियां एकत्रित करते रहना होता है।
 
सरकारी दफ्तरों में योग की ये शाश्वत क्रियाएं रोजाना होती हैं तथा इन्हें करने के लिए किसी भी प्रकार के कार्यक्रमों की जरूरत नहीं है।

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