क्या आपके बाल 20 साल की उम्र या उससे पहले सफेद होना शुरू हो गए हैं?

आज के समय में युवाओं में बहुत ही कम उम्र से ही बालों के सफेद होने की समस्या आम होती जा रही है। कई लोग तो अपने बालों को अपनी संपत्ति की तरह समझते हैं जिसकी गुणवत्ता उन्हें आनुवांशिकी कारणों से मिली है यानी उनके माता-पिता व दादा-दादी के बाल भी मजबूत, काले व घने थे और समय से पहले नहीं पके थे, तो इसी का फायदा उन्हें भी उनके बालों में मिल रहा है।
 
बाल यदि युवावस्था ढलने के बाद और उम्र के कई बरस पार करने के बाद भी जब ग्रे होने लगते हैं, तब भी लोगों को यह नागवार-सा लगता है। लेकिन तब वे फिर भी अपने मन को उम्र का वास्ता देकर मना ही लेते हैं, क्योंकि कोई और विकल्प ही नहीं होता। लेकिन चिंता तो तब बढ़ जाती है, जब 20-25 साल की उम्र व उससे पहले ही लड़के व लड़कियों के बाल अपना प्राकृतिक रंग खो देते हैं व सफेद होने लगते हैं।
 
दरअसल, हमारे बालों का काला रंग एक प्रकार के पिगमेंट की वजह से होता है जिसे मेलानिन कहते हैं। यह पिगमेंट बालों के फोल्लिकल्स में और बालों की जड़ों के आस-पास व कोशिकाओं के नीचे पाया जाता है। जब हमारे सिर पर यह पिगमेंट बनना कम हो जाता है, तब हमारे बाल ग्रे आने लगते हैं।
 
 
लेकिन कम उम्र में ही यह पिगमेंट बनना कम कैसे हो जाता है? इसकी साफ वजह तो स्पष्ट नहीं है लेकिन इसका मुख्य कारण आनुवांशिक ही माना जाता है। आपके जीन्स मेलानिन कोबनाने वाली कोशिकाओं में विकृति पैदा कर देते हैं या फिर कम उम्र में ही मेलानिन के उत्पादन को बंद कर देते हैं।
 
एक अध्ययन के मुताबिक अगर आपके पैरेंट्स और ग्रैंडपैरेंट्स के बाल कम उम्र में ही सफेद हुए थे तो फिर संभव है कि आपके साथ भी ऐसा ही हो। आनुवांशिकी वजह होने पर आप ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं। लेकिन कम उम्र में बाल सफेद होना एक बीमारी है जिसे मेडिकल की भाषा में 'केनाइटिस' कहा जाता है।
 

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