कोहिमा। नगालैंड के सबसे पुराने क्षेत्रीय दलों में से एक, नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का कहना है कि यदि विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी सत्ता में आती है तो नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए जोर दिया जाएगा। एनपीएफ ने 2003 से 2018 तक राज्य में 3 बार शासन किया था। नगालैंड की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है।
एनपीएफ विधायक दल के नेता कुझोलुजो नीनू ने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं होने से एनपीएफ अगली सरकार बनाने के लिए किसी भी राजनीतिक दल के साथ चुनाव बाद की रणनीति तय करने को तैयार है। उन्होंने कहा, हम राज्य में किसी भी राजनीतिक दल के साथ सरकार बनाने या उसमें शामिल होने के लिए तैयार हैं, क्योंकि चुनाव के बाद नगा राजनीतिक मुद्दे का समाधान बहुत आवश्यक होगा।
हालांकि अप्रैल 2022 में पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के नेतृत्व वाले 21 विधायकों के एक समूह का एनडीपीपी में विलय हो गया था। उन्होंने कहा, भारत सरकार नगा राजनीतिक मुद्दे को हल करने के प्रति बिलकुल भी गंभीर नहीं है। हम इस मुद्दे पर संतुष्ट नहीं हैं।
चुनाव अभियान के लिए पार्टी के प्रमुख एजेंडे पर उन्होंने कहा कि अगर एनपीएफ किसी भी सरकार का हिस्सा है तो प्राथमिकता कानून के शासन को लागू करने और कराधान को कम करने और विभिन्न नगा समूहों द्वारा जबरन वसूली की कोशिशों को रोकने की होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में फैसला किया है, उन्होंने कहा कि यह पार्टी उम्मीदवारों के नामांकन दाखिल करने के बाद ही तय किया जाएगा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)