जिन्हें कालसर्प दोष होता है उन्हें नागपंचमी के दिन पूजा करने से लाभ होता है। इस दिन नागदेव को दूध सिर्फ चढ़ाया जाता है पिलाने से उन्हें कष्ट होता है। नागदेव की आराधना से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन विशेष रूप से शिवमंदिर में 1 माला शिव गायत्री मंत्र का जप करने और चांदी, सोने या तांबे के नाग-नागिन के जोड़े चढ़ाने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
नागपंचमी के दिन शिव मंदिर में 21 चंदन धूपबत्ती और 5 तेल या घी के दीपक लगाकर शिव गायत्री मंत्र का जाप करने से निश्चित रूप से शुभ फल प्राप्त होगा। धन-धान्य, संपत्ति, समृद्धि, ऐश्वर्य, सौभाग्य, वैभव, सफलता, प्रगति और संतान सुख का आशीष मिलता है।