।।ॐ नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात।।
पूर्ण पृथ्वी का भार, संभालने वाले शेषनाग व भगवान शिवजी के गले में शोभायमान नाग महाराज को हमारे पूर्वज, देव, दानव व किन्नर सभी पूजते हैं।
नागपंचमी के दिन नाग महाराज का पूजन करने से नाना प्रकार के कष्ट खत्म हो जाते हैं, इस दिन जिस व्यक्ति को राहु-केतु की दशा या महादशा चल रही हो,