नागपंचमी पर कई कार्यों को निषेध बताया गया है। कपड़े सिलना, भूमि खोदना तथा हल चलाना इस दिन पूर्ण निषेध हैं। इस दिन कुछ भी काटना नहीं चाहिए। खाने की वस्तुएं तलना, चूल्हे पर तवा भी नहीं रखना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार नाग पंचमी पर वातावरण में देवताओं के पवित्र चैतन्य के अतिसूक्ष्म कण भूमि पर आते हैं। इस दिन निषेध कार्यों को करने से रज-तमप्रधान स्पन्दन जागृत होते हैं।
यह स्पन्दन देवताओं के तत्व कार्य में बाधा बन जाते हैं। इससे वातावरण अपवित्र होता है। नाग पंचमी पर निषेध कार्यों को करने वाला समिष्ट पाप का भागी बनता है।