3.डेरा बाबा नानक साहिब : एक तरफ सीमा के उस पार गुरुद्वारा करतारपुर साहिब है, तो वहीं दूसरी ओर सीमा के इस पार गुरुदासपुर में रावी नदी के तट पर गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक साहिब स्थित है। ये वही स्थान है, जहां गुरु नानक देवजी ने अपनी पहली उदासी (यात्रा) के बाद 1506 में ध्यान लगाया था। जिस जगह पर बैठकर गुरु नानक देवजी ने ध्यान लगाया था, उस जगह को 1800 ई. के आसपास महाराजा रणजीत सिंह ने चारों तरफ से मार्बल से कवर करवाया और गुरुद्वारे का आकार दिया। यह स्थान भारत-पाकिस्तान की बॉर्डर से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लगभग 4 किलोमीटर दूर गुरुनानक देवजी ने करतारपुर की स्थापना की थी और अपनी सभी उदासियों के बाद गुरु नानक देवजी करतारपुर में ही रहने लगे थे, जहां आज गुरुद्वारा करतारपुर साहिब है।