छोटी दिवाली : श्रीकृष्ण, यम और हनुमानजी की पूजा के साथ जानिए कब होगा रूप चौदस का अभ्यंग स्नान
शनिवार, 11 नवंबर 2023 (10:42 IST)
roop chaudas 2023
Choti Diwali 2023: 11 नवम्बर 2023 को दोपहर 01:57 से नरक चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होकर 12 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:44 पर समाप्त होगी। चूंकि इस दिन प्रात: स्नान करने का महत्व है इसलिए 12 नवंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा। लेकिन जो लोग श्रीकृष्ण, माता कालिका, हनुमानजी और यमदेव की पूजा करने जा रहे हैं वे 11 नवंबर को यह पर्व मनाएंगे।
नरक चतुर्दशी पूजा का शुभ मुहूर्त: 11 नवंबर 2023 शाम 06:57 से 08:39 तक।
अभ्यंग स्नान समय : 12 नवंबर 2023 को सुबह 05:28 से 06:41 के बीच।
नरक चतुर्दशी पूजा के शुभ मुहूर्त 11 नवंबर 2023:-
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:55 से 05:47 के बीच।
प्रातः सन्ध्या : प्रात: 05:21 से 06:40 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:43 से दोपहर 12:27 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 से 02:36 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:30 से 05:56 तक।
अमृत काल : शाम 06:57 से 08:39 तक।
निशीथ पूजा मुहूर्त : रात्रि 11:39 से 12:32 तक।
नरक चतुर्दशी पूजा: इस दिन शिव पूजा, माता कालिका, भगवान वामन, हनुमानजी, यमदेव और भगवान कृष्ण की पूजा करने से मृत्यु के बाद नरक नहीं जाना पड़ता है। विष्णु मंदिर और कृष्ण मंदिर में भगवान का दर्शन करना चाहिए। इससे पाप कटता है और रूप सौन्दर्य की प्राप्ति होती है।
क्यों करते हैं उपरोक्त बताए गए देवताओं की पूजा?
1. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। उनकी पूजा से सभी तरह का संताप मिट जाता है और व्यक्ति बंधन मुक्त हो जाता है।
2. इस दिन काली चौदस भी रहती है अत: इस दिन कालिका माता की विशेष पूजा करने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है और हर तरह का संताप मिट जाता है।
3. इस दिन हनुमान जयंती भी रहती है अत: हनुमान पूजा करने से सभी तरह का संकट टल जाता है और निर्भिकता का जन्म होता है।
4. इस दिन को शिव चतुर्दशी भी रहती है अत: दिन में भगवान शिव को पंचामृत अर्पित किया जाता है। साथ में माता पार्वती की पूजा भी की जाती है।
5. इस दिन दक्षिण भारत में वामन पूजा का भी प्रचलन है। कहते हैं कि इस दिन राजा बलि (महाबली) को भगवान विष्णु ने वामन अवतार में हर साल उनके यहां पहुंचने का आशीर्वाद दिया था। इसी कारण से वामन पूजा की जाती है। अनुसरराज बलि बोले, हे भगवन! आपने कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से लेकर अमावस्या की अवधि में मेरी संपूर्ण पृथ्वी नाप ली है, इसलिए जो व्यक्ति मेरे राज्य में चतुर्दशी के दिन यमराज के निमित्त दीपदान करेगा, उसे यम यातना नहीं होनी चाहिए और जो व्यक्ति इन तीन दिनों में दीपावली का पर्व मनाए, उनके घर को लक्ष्मीजी कभी न छोड़ें। ऐसे वरदान दीजिए। यह प्रार्थना सुनकर भगवान वामन बोले- राजन! ऐसा ही होगा, तथास्तु। भगवान वामन द्वारा राजा बलि को दिए इस वरदान के बाद से ही नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के निमित्त व्रत, पूजन और दीपदान का प्रचलन आरंभ हुआ।
Narak Chaudas
रूप चौदस पूजा के शुभ मुहूर्त 12 नवंबर 2023:-
अभ्यंग स्नान समय : सुबह 05:28 से 06:41 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:43 से दोपहर 12:27 तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01:53 से 02:36 तक।
अमृत काल : शाम 05:40 से 07:20 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:29 से 05:56 तक।
सायाह्न सन्ध्या : शाम 05:29 से 06:48 तक।
अभ्यंग स्नान: प्रात: जल्दी उठकर अभ्यंग स्नान करने से सौंदर्य और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन को रूप चौदस भी कहते हैं। इस दिन प्रातःकाल में सूर्योदय से पूर्व उबटन लगाकर नीम, चिचड़ी जैसे कड़ुवे पत्ते डाले गए जल से स्नान का अत्यधिक महत्व है। उक्त कार्य नहीं कर सकते हैं तो मात्र चंदन का लेप लगाकर सूख जाने के बाद तिल एवं तेल से स्नान किया जाता है। प्रात: स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है।