उत्तराखंड बाढ़: लापता लोगों को मान लिया जाएगा मृत

सोमवार, 15 जुलाई 2013 (16:01 IST)
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देहरादून। उत्तराखंड में पिछले महीने की 16-17 तारीख को आए जलप्रलय में गुम हो गए लोगों को दोबारा देखने की आस उनके परिजनों के मन में भले ही अब भी जिंदा हो, लेकिन अगर त्रासदी में लापता 5,583 लोगों के बारे में सोमवार को भी कोई खबर न मिली तो उन्हें मृत मान लिया जाएगा।

आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि लापता लोगों को मृत घोषित करने के बाद उनके परिजनों को पूर्व घोषित 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

हालांकि उत्तराखंड सरकार द्वारा लिए गए एक फैसले के अनुसार वह यह मुआवजा राशि सिर्फ अपने प्रदेश के रहने वाले लापता लोगों के परिजनों को ही देगी।

हाल में राज्य कैबिनेट ने लापता हो गए लोगों के बारे में 15 जुलाई तक कोई खबर न मिलने पर उन्हें मृत घोषित करने का फैसला लिया था। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा था कि हम मुआवजा राशि उन्हीं लोगों के परिजनों को देंगे, जो उत्तराखंड के रहने वाले हैं।

उत्तराखंड सरकार ने अन्य राज्य सरकारों से भी ऐसा ही करने की अपेक्षा की है और उनसे अपने प्रदेशों के लापता हो गए लोगों को मुआवजा देने को कहा है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार ने यह कदम लापता लोगों की संख्या में पिछले एक सप्ताह के दौरान हुए भारी इजाफे के मद्देनजर उठाया है।

उत्तराखंड के 921 लोग आपदा में लापता हैं जबकि बाहर के प्रदेशों के 4,662 लोग गुम हो गए, हालांकि सरकार ने साफ किया है कि अभी भी विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकटठा की जा रही है और आपदा के शिकार लोगों के आंकड़ों में थोड़ी-बहुत तब्दीली हो सकती है।

मुआवजे के संबंध में बहुगुणा ने कहा कि त्रासदी से प्रभावित हुए उत्तराखंड के बाहर के लोगों को उनके प्रदेशों की सरकारें मुआवजा देंगी, हालांकि पूर्व में राज्य सरकार ने कहा था कि आपदा में मारे गए सभी लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।

पिछले महीने राज्य सरकार ने आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को दी जाने वाली मुआवजा राशि को 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किए जाने की घोषणा की थी।

सरकार ने बताया था कि 5 लाख रुपए में से 2 लाख रुपए प्रधानमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे और 1.50 लाख का भुगतान नेशनल कैलेमिटी रिलीफ फंड (एनसीआरएफ) से किया जाएगा। बाकी बचे 1.50 लाख रुपए राज्य सरकार देगी।

इस बीच लापता लोगों के परिजनों ने अभी भी अपनों के मिलने की आस नहीं छोड़ी है। सूत्रों ने बताया कि आपदा से प्रभावित हुए केदारनाथ और रुद्रप्रयाग जैसी जगहों पर लोग अभी भी अपने बिछड़ों को ढूंढ रहे हैं। (भाषा)

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