गन्ने के मुद्दे पर दूसरे दिन भी गूँजी संसद

शुक्रवार, 20 नवंबर 2009 (15:42 IST)
संसद के शीतकालीन सत्र में आज दूसरे दिन भी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही केंद्र सरकार की नई गन्ना मूल्य नीति के विरोध में विपक्षी दलों के हंगामे की भेंट चढ़ गई तथा दोनों सदनों की बैठक कोई कामकाज निपटाए बिना सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे और भारी शोरगुल के कारण दोनों सदनों की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित करने से पहले लोकसभा की कार्यवाही एक बार, जबकि राज्यसभा की दो बार स्थगित करना पड़ी।

दोनों ही सदनों में आज प्रश्नोत्तरकाल शुरू होते ही विपक्षी सदस्य, वाम दल और सरकार को बाहर से समर्थन दे रहे सपा के सदस्य अपने स्थानों पर खड़े हो गए और इस मुद्दे पर सरकार की नीति की आलोचना करते हुए तुरंत चर्चा कराने की माँग करने लगे। विपक्षी सदस्य अपनी माँग पर जोर देने के लिए आसन के सामने आकर नारेबाजी भी करने लगे।

एक बार के स्थगन के बाद लोकसभा की बैठक जब पुन: शुरू हुई तो अध्यक्ष मीरा कुमार ने विपक्ष के भारी शोरगुल के बीच जरूरी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और इसी दौरान पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा ने जयपुर में पिछले दिनों इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के डिपो में लगी भीषण आग के बारे में बयान सदन के पटल पर रख दिया।

इसी तरह दोबारा स्थगन के बाद राज्यसभा की बैठक दोपहर बारह बजे जब पुन: शुरू हुई तो सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाने के बाद सदस्यों से लोक महत्व के मुद्दे उठाने को कहा, लेकिन शोरगुल के कारण किसी ने उस ओर ध्यान नहीं दिया जिस पर उन्होंने सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

विपक्षी सदस्य इस दौरान आसन के सामने आकर ‘काला कानून वापस लो’ और ‘किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाते रहे।

लोकसभा की बैठक कल भी इस वजह से नहीं चल पायी थी, जबकि राज्यसभा अपने दो सदस्यों के निधन के कारण उन्हें श्रद्धांजलि देकर पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई थी। (भाषा)

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