नरेंद्र मोदी चाहते हैं किसानों की आय बढ़ाना

मंगलवार, 29 जुलाई 2014 (17:52 IST)
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि सरकार की नीति किसानों की आय बढ़ाने पर केंद्रित होनी चाहिए और उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि वे फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी को खेतों तक पहुंचाएं।

खाना पकाने के तेल और दलहन के अत्यधिक आयात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि देश की आयात पर निर्भरता घटाने के लिए वैज्ञानिकों को इनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करनी चाहिए।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 86वें स्थापना दिवस को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, हमें दो चीजें साबित करनी हैं। एक तो यह कि हमारे किसान पूरे देश और दुनिया को खाद्यान्न मुहैया कराने में समर्थ हैं और दूसरे कृषि हमारे किसानों को पर्याप्त आय उपलब्ध करा सकती है।

प्रधानमंत्री का मानना है कि यदि किसानों के लिए पर्याप्त आय की व्यवस्था नहीं हुई तो इस क्षेत्र का लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा इसलिए हमारी नीतियां और पहल इस पर केंद्रित होनी चाहिए। उन्होंने वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी को कृषि क्षेत्र तक ले जाने की जरूरत पर बल दिया ताकि कृषि उत्पादन बढ़ सके और खाद्यान्न की बढ़ती मांग पूरी हो सके।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुणवत्ता से समझौता किए बगैर फसलों की पैदावार तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। मोदी ने हरित और श्वेत क्रांति की तरह नील क्रांति का भी यह कहते हुए आह्वान किया कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय व्यापार की बड़ी संभावना है।

उन्होंने वैज्ञानिकों से यह भी कहा कि वे चीन की तरह औषधीय पौधों पर ध्यान केंद्रित करें। प्रधानमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालयों को अपने रेडियो स्टेशन स्थापित करने का भी सुझाव दिया ताकि किसानों को विस्तारित सेवाएं प्रदान की जा सकें।

उन्होंने जल एवं मौसम चक्र में बदलाव के मद्देनजर वर्षा जल संचयन और अन्य पहलों के जरिए जल संरक्षण की जरूरत पर जोर दिया। मोदी ने आईसीएआर से कहा कि वे विशेष लक्ष्य स्थापित कर अपना 100वां स्थापना दिवस मनाने की योजना तैयार करें। उन्होंने संस्थान को नसीहत दी कि वह अगले 14 साल में उससे भी ज्यादा उपलब्धि हासिल करने का प्रयास करें जितना उन्होंने पिछले 86 साल में किया है। (भाषा)

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