उल्लेखनीय है कि इससे पहले सिसोदिया को 17 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा गया था। ईडी ने तिहाड़ जेल में कई घंटे की पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया था। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है।
क्या है जासूसी मामला : जिस समय मनीष सिसोदिया दिल्ली के डिप्टी सीएम थे, उस समय दिल्ली सरकार का विजिलेंस डिपार्टमेंट भी उनके ही पास था। सरकार द्वारा 2015 में फीड बैक यूनिट (FBU) का गठन किया गया था। इस यूनिट ने 20 अधिकारियों के साथ काम की शुरुआत की।