पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ द्वारा बहुमत से दिए गए फैसले में न्यायालय ने कहा कि अगर मौत की सजा का सामना कर रहे किसी दोषी की उपचारात्मक याचिका पर फैसला हो चुका है, तो वह अपनी समीक्षा याचिका की पुन: सुनवाई के लिए अपील दायर नहीं कर सकता।
न्यायालय ने यह आदेश लाल किला हमला मामले के दोषी मोहम्मद आरिफ तथा 1993 में मुंबई में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के दोषी याकूब अब्दुल रजाक मेमन सहित मौत की सजा का सामना कर रहे छह दोषियों की याचिकाओं पर दिया। इन सभी ने अदालत से आग्रह किया था कि उनकी समीक्षा याचिकाओं पर खुली अदालत में सुनवाई के बाद फैसला किया जाना चाहिए।
याचिका दायर करने वालों में मौत की सजा का सामना कर रहे सी मुनियप्पन, बी ए उमेश, सुंदर और सोनू सरदार भी शामिल हैं। (भाषा)