प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने शनिवार को साफ किया कि उनकी सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है और न ही मध्यावधि चुनाव की कोई संभावना है।
प्रधानमंत्री उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी के शपथ ग्रहण समारोह के बाद सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि परमाणु समझौते में किसी तरह का बदलाव नहीं हो सकता।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने एक अंग्रेजी दैनिक को दिए साक्षात्कार में अमेरिकी के साथ हुए परमाणु समझौते पर वामदलों के कड़े विरोध के संदर्भ में कहा था कि इस समझौते में बदलाव नहीं होगा और यदि वामदल इस मुद्दे पर समर्थन वापस लेना चाहते हैं तो ले लें।
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। वामदलों को यह समझना चाहिए कि सरकार किस प्रकार काम करती है।
प्रधानमंत्री ने वामपंथियों को समर्थन वापसी की चुनौती दिए जाने संबंधी बयान की सफाई देते हुए कहा कि यह वामदलों को चुनौती नहीं थी। यह वक्तव्य परिस्थितियों पर एक टिप्पणी थी।
मतभेद सद्भाव के साथ सुलझाएँगे : वामदलों को सरकार से समर्थन वापस लेने की चुनौती देने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिका के साथ परमाणु समझौते को लेकर कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मतभेद को सद्भाव से सुलझा लिया जाएगा।