यासिन भटकल ने कहा- धमाकों पर अफसोस नहीं

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मुंबई। मुंबई में 2011 में हुए तिहरे विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार इंडियन मुजाहिद्दीन के सहसंस्थापक यासीन भटकल ने मुंबई से कहा है कि विस्फोट करने के कारण ‘उसे अपने पर फक्र’ है।

मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज स्वीकारोक्ति बयान में भटकल ने कहा कि मैंने जो कुछ भी किया, मुझे उस पर गर्व है। भटकल पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून (मकोका) के तहत आरोप लगाया गया है। इस कानून के तहत आरोपी के स्वीकारोक्ति बयान को डीसीपी स्तर का अधिकारी दर्ज करता है।

जब पुलिस उपायुक्त किशोर जाधव ने भटकल से पूछा कि वह अपना स्वीकारोक्ति बयान क्यों देना चाहता है, उसने कहा कि मैंने जो विस्फोट किया उसे लेकर मुझे कोई अफसोस नहीं है लिहाजा मैं स्वीकारोक्ति बयान देना चाहता हूं। भटकल ने पुलिस को बताया कि वह नहीं मानता कि उसने जो विस्फोट किया है वह एक अपराध है।

भटकल के सहायक असादुल्ला अख्तर ने भी अपने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को बताया कि उसे भी विस्फोट करने का कोई अफसोस नहीं है। स्वीकारोक्ति बयान में दोनों ने 2002 के गोधरा दंगों के प्रतिशोध में 2005 के बाद से विभिन्न जगहों पर किये गए धमाकों का ब्योरा दिया है।

महाराष्ट्र पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने भटकल और उसके सहयोगी अख्तर के खिलाफ 2011 के तिहरे विस्फोट मामले में 16 जून को 300 पृष्ठों का अनुपूरक आरोप-पत्र दाखिल किया था। महाराष्ट्र एटीएस ने दोनों को इस साल 5 फरवरी को गिरफ्तार किया था।

इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने दोनों को हिरासत में लेने की एटीएस की मांग को मान लिया था। एटीएस के अनुसार 13 जुलाई 2011 को मुंबई के झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस ओर कबूतरखाना में हुए विस्फोट की साजिश भटकल ने रची थी। इन विस्फोटों में 21 लोग मारे गये थे और 141 घायल हो गए थे। (भाषा)

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