संबंधों का नया अध्याय लिखा जाएगा

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अमेरिका के साथ बढ़ते रिश्तों के बावजूद भारत और रूस के बीच रहे पुराने संबंधों को मजबूत करने के लिए सितंबर में एक नया अध्याय प्रारंभ होने जा रहा है।

रूस में बड़े पैमाने पर भारत महोत्सव के साथ सामरिक और परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल तथा रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव के बीच इस सप्ताह वार्ता होगी। श्रीमती पाटिल 2 सितंबर को चार दिवसीय यात्रा पर रूस जा रही हैं।

इस यात्रा को कूटनीतिक क्षेत्रों में इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अगले तीन महीनों में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह दो बार अमेरिका जाने वाले हैं, लेकिन भारत पिछले 60 वर्षों के दौरान रूस के साथ रहे ऐतिहासिक संबंधों को कमजोर नहीं होने देना चाहता। इस क्षेत्र में आतंकवाद से निपटने, ऊर्जा तथा आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग के लिए भारत और रूस को मिलकर काम करने की जरूरत दोनों पक्ष मान रहे हैं।

विदेश सचिव निरूपमा राव ने पत्रकारों को बताया कि भारत और रूस 21वीं शताब्दी में शांति और स्थिरता के समान हितों की रक्षा के लिए काम करना चाहते हैं। इसी दृष्टि से रक्षा, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर भी दोनों राष्ट्रपतियों की बातचीत होगी। यहाँ राष्ट्रपति भारत महोत्सव का उद्‍घाटन भी करेंगी।

सेंट पीटर्सबर्ग में राष्ट्रपति विभिन्न विशिष्टजनों से मुलाकात के अलावा उस रूसी स्कूल का दौरा भी करेंगी जिसमें हिन्दी पढ़ाई जाती है। इस यात्रा में राष्ट्रपति के साथ केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवड़ा और केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री पनाबाका लक्ष्मी के अलावा कुछ सांसद और विदेश मंत्रालय के उच्चाधिकारी भी होंगे। विदेश सचिव के अनुसार रूस के बाद राष्ट्रपति तजाकिस्तान भी जाएँगी।

तजाकिस्तान यात्रा के दौरान राष्ट्रपति वहाँ के राष्ट्रपति इमोमल्ली रहमान और अन्य प्रमुख नेताओं से मिलने के अलावा तजाकिस्तान के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगी।

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