3 सत्रों में राज्यसभा में उठाने के लिए दिए गए सांसदों के 14% प्रश्न अस्वीकृत

मंगलवार, 18 जुलाई 2023 (19:25 IST)
Rajya Sabha: पिछले 1 वर्ष में संसद के 3 सत्रों के दौरान राज्यसभा (Rajya Sabha) में प्रश्नकाल में उठाने के लिए भेजे गए सांसदों के प्रश्नों में से औसतन करीब 14 प्रतिशत सवालों को अस्वीकार कर दिया गया। राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) द्वारा संकलित आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
 
उच्च सदन के 259वें, 258वें और 257वें सत्र में पूछने के लिए सचिवालय को राज्यसभा सदस्यों के 27,503 प्रश्न प्राप्त हुए जिसमें से 3,949 प्रश्न अस्वीकार कर दिए गए। राज्यसभा सचिवालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 3 सत्रों के दौरान प्रधानमंत्री संबंधी विभाग से जुड़े 36 प्रश्नों के नोटिस प्राप्त हुए जिसमें से 32 प्रश्न अस्वीकार कर दिए गए और 4 प्रश्नों की मियाद खत्म (लैप्स) हो गई।
 
इस अवधि में राज्यसभा सचिवालय को गृह मंत्रालय से संबंधित सदस्यों के 1400 प्रश्नों के नोटिस प्राप्त हुए जिसमें से 530 अस्वीकृत हुए। पिछले 3 सत्रों के दौरान राज्यसभा सदस्यों के रक्षा मंत्रालय से संबंधित 759 प्रश्नों में से 310 अस्वीकार किए गए जबकि सांसदों के वित्त मंत्रालय से जुड़े 1409 प्रश्नों में से 233 प्रश्न अस्वीकृत हुए।
 
उच्च सदन में उठाने के लिए सांसदों के शिक्षा मंत्रालय से जुड़े 1255 प्रश्नों में 104 सवाल मंजूर नहीं हुए और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से संबंधित 1,284 प्रश्नों में से 121 सवाल अस्वीकार कर दिए गए। राज्यसभा सचिवालय के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि पिछले 3 सत्रों में सांसदों के कृषि मंत्रालय, श्रम मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से संबंधित क्रमश: 1,265, 671 और 520 प्रश्न प्राप्त हुए जिसमें से 177, 102 और 104 प्रश्न अस्वीकार कर दिए गए।
 
सचिवालय को 31 जनवरी से 6 अप्रैल 2023 तक चले 259वें सत्र (बजट सत्र) के दौरान सदस्यों के 11,847 प्रश्नों के नोटिस प्राप्त हुए जिसमें से 4,371 प्रश्न स्वीकार एवं सूचीबद्ध किए गए जबकि 1931 प्रश्न अस्वीकार हुए और 4,576 प्रश्नों की मियाद खत्म (लैप्स) हो गई।
 
इसी प्रकार से 7 से 23 दिसंबर 2022 तक राज्यसभा के 258वें सत्र के दौरान सदस्यों के 8,574 प्रश्नों के नोटिस प्राप्त हुए जिसमें से 2,274 प्रश्न स्वीकार एवं सूचीबद्ध किए गए जबकि 1139 प्रश्न अस्वीकार हुए और 4569 प्रश्नों की मियाद खत्म (लैप्स) हो गई।
 
उच्च सदन के 18 जुलाई से 8 अगस्त तक चले 257वें सत्र में सदस्यों के 7,109 प्रश्नों के नोटिस प्राप्त हुए जिसमें से 2710 प्रश्न स्वीकार एवं सूचीबद्ध किए गए जबकि 879 प्रश्न अस्वीकार हुए और 2887 प्रश्नों की मियाद खत्म (लैप्स) हो गई। पिछल 3 सत्रों के दौरान उच्च सदन में हिन्दी में प्रश्न पूछने के लिए सदस्यों के 4763 सवालों के नोटिस प्राप्त हुए।
 
राज्यसभा के कामकाज की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों के अनुरूप नियम 47-50 के तहत प्रश्नों को पूछे जाने के लिए स्वीकार किए जाते हैं। राज्यसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 47 (2) के तहत प्रश्न पूछे जाने की शर्त के तहत तय होते हैं। इसके तहत सामान्यत: प्रश्न 100 शब्दों से अधिक का नहीं होगा। ऐसे में सदस्य ई-नोटिस पोर्टल पर प्रश्नों की सूचनाएं प्रस्तुत करते समय अपने पाठ की शब्द संख्या को देख सकते हैं।
 
यदि प्रश्न के पाठ में शब्दों की संख्या 100 से अधिक हो जाती है तब पोर्टल जानकारी देता और सदस्यों के पास पाठ को संशोधित करने का विकल्प होता है। इसके अनुसार ऐसा देखा गया है कि कभी कभी प्रश्नों की सूचनाएं मंत्रालय/विभाग को संबोधित नहीं की जाती हैं। यदि कोई प्रश्न गलती से ऐसे मंत्री को संबोधित किया गया हो, जो उस प्रश्न की विषय वस्तु के लिए उत्तरदायी नहीं हो तब इसे संबंधित मंत्रालय को हस्तांतरित किया जाएगा।
 
राज्यसभा की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 51 के तहत किसी 1 दिन की बैठक के लिए सदस्य मौखिक और लिखित प्रश्नों, दोनों की संयुक्त रूप से 7 से अधिक सूचनाएं नहीं दे सकते हैं। प्रश्न सुस्पष्ट और केवल एक ही विषय तक सीमित होना चाहिए। उसमें कोई ऐसा नाम और कथन नहीं होना चाहिए जो प्रश्न को सुबोध बनाने के लिए आवश्यक नहीं हो। उसमें तर्क, अनुमान, व्यंग्यात्मक पद, विशेषण या मानहानिकारक कथन नहीं होने चाहिए। इसमें कोई ऐसी जानकारी नहीं मांगी गई हो, जो किसी संसदीय समिति या न्यायालय के विचाराधीन हो। उसमें व्यक्तिगत रूप का दोषारोपण नहीं किया गया हो।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी