Kota Students Suicide : देशभर में आत्महत्या के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ऐसे में हाल ही में कोटा में दो छात्रों की आत्महत्या से फिर से लोग दहशत में हैं। दोनों छात्र NEET की तैयारी कर रहे थे। इन दो घटनाओं के बाद इस साल आत्महत्याओं की संख्या 23 हो गई है, जो 2018 के बाद से सबसे अधिक बताई जा रही है।
पुलिस के मुताबिक, आविष्कार शंबाजी कासले (17) ने जवाहर नगर में अपने कोचिंग सेंटर की बिल्डिंग की छठी मंजिल से दोपहर करीब 3.15 बजे छलांग लगा ली। उसने यह कदम इंस्टीट्यूट का टेस्ट देने के बाद उठाया। विज्ञान नगर के सीओ धर्मवीर सिंह ने कहा कि संस्थान के कर्मचारी कासले को अस्पताल लेकर गए, लेकिन रास्ते में उसने दम तोड दिया। कासले की मौत के चार घंटे बाद ही आदर्श राज (18) ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया. पुलिस ने बताया कि आदर्श प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था, उसने रविवार शाम करीब 7 बजे कुन्हाड़ी पुलिस थाना क्षेत्र में अपने किराए के फ्लैट में फांसी लगा ली।
कोचिंग में टेस्ट पर रोक : रविवार को एक दिन में 2 छात्रों ने सुसाइड कर लिया। दोनों ही छात्र राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा (NEET) की तैयारी कर रहे थे। एक साथ स्टूडेंट्स के सुसाइड हड़कंप मच गया। इस बीच जिला प्रशासन ने कोटा के कोचिंग सेंटरों में होने वाली परीक्षाओं और टेस्ट रोकने को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कोटा प्रशासन ने जिले के सभी कोचिंग सेंटर में टेस्ट-परीक्षाओं को दो महीने तक रोक दी है।
क्या आदेश दिया कोटा प्रशासन ने : कोटा जिला कलेक्टर की ओर से इसे संबंध में एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें कोचिंग के लिए आए छात्रों को 'मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने' को लेकर अहम फैसला लिया गया। कोटा में कोचिंग सेंटरों पर टेस्ट और परीक्षाएं दो महीने तक रोक दी गई हैं। दरअसल, कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आए स्टूडेंट्स जिस भी कोचिंग में पढ़ते हैं वहां समय-समय टेस्ट होते रहते हैं। एक के बाद एक स्टूडेंट्स के सुसाइड की घटनाओं को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब कोचिंग के इन टेस्ट और परीक्षाओं पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है।
Edited by navin rangiyal