LS स्पीकर ओम बिरला ने मणिपुर हिंसा को बताया पीड़ादायी, विपक्षी दलों के 20 सांसद कर रहे हैं दौरा
शनिवार, 29 जुलाई 2023 (20:57 IST)
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को मणिपुर में शांति का आह्वान करते हुए कहा कि 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में जो घटनाएं हुई हैं, वे पीड़ादायक हैं। बिरला ने यहां राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए), भारत क्षेत्र के 20वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि केवल शांति ही राज्य और क्षेत्र में समृद्धि ला सकती है। इस सम्मेलन का आयोजन मेघालय विधानसभा परिसर में किया गया।
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, मेघालय विधानसभा अध्यक्ष थॉमस ए संगमा और अरुणाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष पीडी सोना चार दिवसीय सम्मेलन में भाग लेने वाले गणमान्य व्यक्तियों में शामिल हैं। सम्मेलन में पूर्वोत्तर राज्यों के सांसद और मेघालय के विधायक भी भाग ले रहे हैं।
बिरला ने कहा, हाल के दिनों में जो भी अमानवीय घटनाएं घटी हैं, उससे मुझे दुख हुआ है। हम सभी उससे आहत हैं। पूरे समाज, राज्यों और पूरे देश को शांति के रास्ते पर चलना चाहिए। हम सभी को शांति की बहाली के लिए प्रयास करने चाहिए। मणिपुर की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ये घटनाएं बहुत दुखद हैं और हम सभी को पीड़ा पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा, हमारे व्यवहार से किसी को ठेस नहीं पहुंचनी चाहिए। यही हमारा प्रयास होना चाहिए। एक समाज के तौर पर यह हमारा नैतिक कर्तव्य है।
बिरला ने कहा कि देश और सभी राज्यों के साथ-साथ सभी सामाजिक समूहों को शांति के रास्ते पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा, हम सभी को शांति बहाली के लिए प्रयास करना चाहिए। इसलिए हम मानवता के दृष्टिकोण से शांति का आह्वान करते हैं।
पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर तीन मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें अब तक 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। बाद में मेघालय विधानसभा परिसर में बात करते हुए, लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि प्रतिनिधियों ने मणिपुर की स्थिति पर चिंता व्यक्त की और शांति बहाल करने के लिए संयुक्त प्रयास करने का आह्वान किया।
बिरला ने कहा, हम सभी मानवता, शांति का आह्वान करते हैं। शांति खुशी और समृद्धि लाती है। उन्होंने कहा, सभी विधानसभा अध्यक्षों ने शांति की अपील की। चार दिवसीय सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र के विशेष संदर्भ में प्राकृतिक आपदाओं के मुद्दों और प्रबंधन की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। प्रतिनिधि देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र को क्षेत्रीय सम्पर्क के मामले में शेष भारत के बराबर लाने पर भी चर्चा करेंगे। सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान असम विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी भी उपस्थित थे।
बिरला ने सम्मेलन के एजेंडे को प्रासंगिक और समसामयिक बताया और कहा कि पूर्वोत्तर राज्य जैव विविधता से समृद्ध हैं और यहां होने वाला कोई भी पारिस्थितिक असंतुलन पूरे भारत की पर्यावरणीय स्थिति पर दूरगामी प्रभाव डाल सकता है। उन्होंने कहा, इसलिए ऐसे संवेदनशील इलाकों में आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर तैयारी करने की जरूरत है।
लोकसभा अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि आपदा प्रबंधन के लिए ऐसी नीतियां बनाते समय, प्रधानमंत्री के 10 सूत्री एजेंडे को ध्यान में रखा जाना चाहिए, जो स्थानीय क्षमताओं के निर्माण की आवश्यकता पर जोर देता है। सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने क्षेत्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर बातचीत जारी रखने की पहल करने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के पीठासीन अधिकारियों की सराहना की।
विपक्षों दलों के 20 सांसद करेंगे मणिपुर का 2 दिवसीय दौरा : विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवपलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (INDIA) के घटक दलों के 20 सांसद शनिवार से मणिपुर का 2 दिवसीय दौरा करेंगे, जहां वे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों की जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद समस्याओं के समाधान के बारे में सरकार तथा संसद को अवगत कराएंगे।
इन विपक्षी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29-30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई और फूलोदेवी नेताम, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह एवं अनिल हेगड़े, तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी, द्रमुक की कनिमोई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पीपी मोहम्मद फैजल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज कुमार झा, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के एनके प्रेमचंद्रन और वीसीके पार्टी के टी. थिरुमावलवन शामिल होंगे।
इसके अलावा शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, भाकपा के संदोश कुमार, माकपा के एए रहीम, समाजवादी पार्टी के जोवद अली खान, आम आदमी पार्टी के सुशील गुप्ता, द्रमुक के डी. रवि कुमार और आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर भी इस प्रतिनिमंडल का हिस्सा होंगे। लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने मणिपुर हिंसा की उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की।
गोगोई ने कहा, भाजपा यह तस्वीर पेश करना चाहती है कि मणिपुर में सबकुछ ठीक है, जबकि हिंसा अब भी जारी है। इसलिए हम चाहते हैं कि उच्चतम न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कराई जाए कि यह सब कैसे हुआ।
कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने कहा कि इंडिया के घटक दल मणिपुर में शांति की बहाली के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनके 20 सांसद इसी कोशिश के तहत 29-30 जुलाई को राज्य के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात करेंगे।
हुसैन ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बयान देना चाहिए और मणिपुर में शांति की बहाली के लिए एक रूपरेखा तैयार करने की जरूरत है जो संसद के जरिए सामने आ सकती है। द्रमुक के नेता टीआर बालू ने कहा कि विपक्षी प्रतिनिधिमंडल शनिवार को सुबह मणिपुर के लिए रवाना होगा और पता लगाएगा कि वहां क्या गलत हुआ, किस हद तक जानमाल का नुकसान हुआ है। आरएसपी के प्रेमचंद्रन ने कहा कि इस दौरे का लक्ष्य राज्य में होने वाली घटनाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्राप्त करना है।
उन्होंने कहा, हिंसा अब भी जारी है, इसलिए हम प्रत्यक्ष रूप से जानकारी हासिल करना चाहेंगे तथा लोकसभा में चर्चा से पहले सरकार और संसद को कुछ समाधान एवं सिफारिशें सुझाना चाहेंगे। विपक्षी गठबंधन इंडिया के घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर में जातीय हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है।
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिस पर सदन में चर्चा के लिए मंजूरी दे दी गई थी। उस दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तिथि तय करेंगे। मणिपुर में करीब तीन महीने से जारी हिंसा के कारण 150 से भी अधिक लोगों की मौत हुई है।
Edited By : Chetan Gour (एजेंसियां)