Presidential Elections 2022 : द्रौपदी मुर्मू होंगी देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति

गुरुवार, 21 जुलाई 2022 (22:26 IST)
नई दिल्ली। झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार और पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को हराया। भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनने वाली मुर्मू (64) स्वतंत्रता के बाद पैदा होने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति भी होंगी। वे 25 जुलाई को शपथ लेंगी। राष्ट्रपति चुनाव में 4,754 वैध निर्वाचकों में द्रौपदी मुर्मू को 2,824 वोट प्राप्त हुए, जिनमें 540 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। वहीं यशवंत सिन्हा को 1,187 मत मिले, जिनमें 208 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को आधिकारिक तौर पर विजेता घोषित किया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर और राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी ने विजेता घोषित किया. कुल वोट 4754 पड़े जिसमें से द्रौपदी मुर्मू को 2824 वोट मिले जिनका मूल्य 676803 है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू को घर पहुंचकर बधाई दी।
 
पीएम ने दी बधाई : प्रधानमंत्री ट्‍वीट में लिखा- भारत ने इतिहास लिखा है। ऐसे समय में जब 1.3 अरब भारतीय आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, पूर्वी भारत के एक सुदूर हिस्से में पैदा हुए एक आदिवासी समुदाय की भारत की बेटी को हमारा राष्ट्रपति चुना गया है। इस उपलब्धि पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बधाई। उनका जीवन, उनके शुरुआती संघर्ष, उनकी समृद्ध सेवा और उनकी अनुकरणीय सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। वे हमारे नागरिकों, विशेष रूप से गरीबों और दलितों के लिए आशा की किरण बनकर उभरी हैं।

यशवंत सिन्हा ने दी बधाई : यशवंत सिन्हा ने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने ट्‍वीट में लिखा- 
राष्ट्रपति चुनाव 2022 में विजयी होने पर मैं श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को बधाई देता हूं। देशवासियों को उम्मीद है कि 15वें राष्ट्रपति के रूप में वे बिना किसी भय या पक्षपात के संविधान की संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी निभाएंगी।


शिवराज सिंह ने दी बधाई : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को बधाई दी। उन्होंने कहा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है और अमृत महोत्सव के इस अवसर पर यह देश का सौभाग्य है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए ने एक कर्तव्यनिष्ठ, समाजसेवी, समर्पित, जनसेवी अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने वाली हमारी बहन श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया। आज वे देश के सबसे बड़े संवैधानिक पद पर निर्वाचित हो गई हैं। यह भारत के लोकतंत्र की खूबी है।  अलग भाषा अलग भेष, फिर भी अपना एक देश; भारत अनेकों रंग में रंगा है और जनजातीय समाज हमारा प्रमुख अंग है।  आज उसी समाज से आने वाली बहुमुखी प्रतिभा की धनी, आदरणीय श्रीमती द्रोपति मुर्मू जी अब भारत के राष्ट्रपति हैं।  मैं हृदय से उनको बधाई देता हूं और मुझे पूरा विश्वास है "वह अपने कर्तव्य के निर्माण से देश की प्रतिष्ठा बहुत बढ़ाएंगी।"
 बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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