‘ओपन-बुक’ परीक्षा में परीक्षार्थियों को सवालों के जवाब देते समय अपने नोट्स, पाठ्य पुस्तकों और अन्य स्वीकृत सामग्री की मदद लेने की अनुमति होती है। छात्र अपने घरों में बैठकर वेब पोर्टल से अपने-अपने पाठ्यक्रम के प्रश्न पत्र डाउनलोड करेंगे और दो घंटे के भीतर उत्तर-पुस्तिका जमा करेंगे।
राष्ट्रपति को पत्र लिखने वाले चार प्रोफेसर कौशल पंवार, प्रेमचंद, डॉ. डीआर अनिल कुमार और दीपांकर हैं। पत्र में कहा गया है, हम आपसे इस बात पर तत्काल ध्यान देने की अपील करते हैं कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनमाने तरीके से फैसला किया और 13 मई 2020 को सभी विभागों के प्रमुखों को पत्र लिखकर प्रश्न पत्र के तीन सेट्स ‘ओपन-बुक’ परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए कहा।
प्रोफेसरों ने कहा, ‘ओपन-बुक’ माध्यम से परीक्षा कराने का यह कदम उच्च शिक्षा को निजीकरण की ओर लेकर जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘ओपन-बुक’ और ‘क्लोज-बुक’ व्यवस्थाएं बिल्कुल अलग-अलग हैं। इन दोनों व्यवस्थाओं में प्रश्न पत्र की आवश्यकताएं भी अलग होती हैं।
इस बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेतृत्व में दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ ने डीयू छात्र प्रतिनिधियों, डूसू के आठ कार्यकारी परिषद सदस्यों और 41 निर्वाचित कॉलेज संघ प्रतिनिधियों की एक आमसभा बुलाई।