नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा के पास राकांपा के सभी 54 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए केंद्र ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस को आमंत्रित करने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए दो से तीन दिन का समय देने को कहा।
शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा ने फडणवीस को मुख्यमंत्री के तौर पर और राकांपा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है।
केंद्र ने न्यायमूर्ति एनवी रमन, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ को बताया कि राज्यपाल ने पूरी समझदारी से सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 23 नवंबर को आमंत्रित किया था।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बिना किसी मतलब के इस बात की जांच नहीं कर सकते कि सरकार बनाने के लिए किस पार्टी के पास संख्या बल है। मेहता ने कहा कि राज्यपाल चुनाव नतीजों के बाद के तथ्यों और स्थिति से अवगत हैं जिससे राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
उच्चतम न्यायालय ने फडणवीस को आमंत्रित करने के कोश्यारी के पत्र पर विचार करने के बाद कहा कि फैसला इस पर होगा कि मुख्यमंत्री सदन में बहुमत साबित कर पाते हैं या नहीं।
सॉलिसिटर जनरल ने स्पष्ट किया कि राज्यपाल ने शिवसेना, भाजपा और राकांपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था और उनके सरकार बनाने में नाकाम होने के बाद ही राष्ट्रपति शासन लगाया गया। जैसे ही सोमवार को सुबह सुनवाई शुरू हुई तो मेहता ने राज्यपाल और फडणवीस के पत्र सौंपे। पीठ ने रविवार को ये पत्र सौंपने के लिए कहा था।
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस के उस अनुरोध पर विचार नहीं कर रहा है कि उन्हें महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए।