16वीं लोकसभा का गठन हो चुका है। लोकतंत्र में विधायिका के सदस्य जनता के सेवक होते हैं। जनता के लिए नीति-निर्माण करना इनका काम होता है, लेकिन भारत की जनता को यह भी जानना भी जरूरी है कि जनता के इन सेवकों को कितना वेतन और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं।
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इतने वेतन और भत्ते मिलने के बाद भी ये जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार और अनुपयोगी तरीके से धन कमाने में लगे रहते हैं। इस वर्ष जून के अंत में बजट पेश होगा, लेकिन चुनाव आयोग के रिजल्ट घोषित होने के बाद से ही ये सांसद वेतन और भत्तों के पात्र हो जाते हैं। एक तरह से कहा जाए तो सांसदों को वेतन से ज्यादा भत्ते प्राप्त होते हैं।
* लोकसभा और राज्यसभा के सांसद कार्यकाल के दौरान 50 हजार रुपए का वेतन मिलता है।
* अगर सांसद संसद भवन में रखे रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हैं तो उन्हें 2000 रुपए हर रोज का भत्ता मिलता है।
* एक सांसद अपने क्षेत्र में कार्य कराने के लिए 45000 रुपए प्रतिमाह भत्ता पाने का हकदार होता है।
* कार्यालयीन खर्चों के लिए एक सांसद को 45000 रुपए प्रतिमाह मिलता है। इसमें से वह 15 हजार रुपए स्टेशनरी और पोस्ट आइटम्स पर खर्च कर सकता है। इसके अलावा अपने सहायक रखने पर सांसद 30 हजार रुपए खर्च कर सकता है।
* मेंबर ऑफ पार्लियामेंट लोकल एरिया डेवलपमेंट स्कीम के तहत सांसद अपने क्षेत्र में 5 करोड़ रुपए प्रतिमाह का खर्च करने की सिफारिश कर सकता है।
अगले पन्ने पर, हवाई यात्रा में मिलती है भारी छूट...
* सांसदों को हर तीन महीने में 50 हजार रुपए यानी करीब 600 रुपए रोज घर के पर्दे और अन्य कपड़े धुलवाने के लिए मिलते हैं।
* हवाई यात्रा का 25 प्रतिशत ही देना पड़ता है। इस छूट के साथ एक सांसद सालभर में 34 हवाई यात्राएं कर सकता है। यह सुविधा सांसद के पति/पत्नी दोनों के लिए है।
* ट्रेन में सांसद फर्स्ट क्लास एसी में अहस्तांतरणीय टिकट पर यात्रा कर सकता है। उन्हें एक विशेष पास दिया जाता है।
* एक सांसद को सड़क मार्ग से यात्रा करने पर 16 रुपए प्रतिकिलोमीटर के हिसाब से यात्रा भत्ता मिलता है।