बेंगलुरु। लैंडर विक्रम से संपर्क टूट जाने के बावजूद भारतीय चंद्र मिशन में अभी भी सब कुछ खत्म नहीं हुआ है तथा इसरो (ISRO) के एक अधिकारी के अनुसार 1 साल के मिशन लाइफ में यह ऑर्बिटर चंद्रमा की कई तस्वीरें ले सकता है और वह इसे इसरो को भेज सकता है। पूर्व ISRO अधिकारियों के अनुसार 95 प्रतिशत मिशन सफल रहा है। सिर्फ 5 प्रतिशत में असफलता हाथ लगी है।
पूर्व इसरो चेयरमैन जी माधवन नायर ने कहा कि लैंडर के चांद पर लैंड न होने के बावजूद चंद्रयान 2 ने अपने 95 प्रतिशत उद्देश्यों को पूरा कर लिया है। चंद्रयान 2 अपनी मंजिल से मात्र 2 कदम (2.1 किलोमीटर) दूर ही रहकर रास्ता भटक गया, लेकिन इस मिशन को लेकर इसरो अब भी नाउम्मीद नहीं है तथा वह अपना अभियान आगे भी जारी रखेगा।
इस यान में 3 खंड शामिल थे ऑर्बिटर (2,379 किग्रा, 8 पैलोड), लैंडर 'विक्रम' (1,471 किग्रा, 4 पैलोड) और रोवर 'प्रज्ञान' (27 किग्रा, 2 पैलोड)। लैंडर विक्रम 2 सितंबर को ऑर्बिटर से अलग हो गया था। यान को 22 जुलाई को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था।