AAP का पोस्टर वार, योगी के रावणराज में महिलाएं सुरक्षित नहीं...

Webdunia
शुक्रवार, 8 जनवरी 2021 (11:12 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जहां भी कुछ दिन पूर्व हाथरस कांड को लेकर पूरे प्रदेश में योगी सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी और योगी की पुलिस पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। तो वहीं अब बदायूं में हुए गैंगरेप कांड ने एक बार फिर योगी सरकार को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है और अब एक फिर विपक्ष को मौका मिल गया है।
 
बदायूं कांड को लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। तो वही आम आदमी पार्टी भी पीछे नहीं है। आम आदमी पार्टी ने अपने फेसबुक पेज से योगी सरकार पर निशाना साधते हुए एक पोस्टर जारी किया है। यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वही प्रदेश के आम लोग भी योगी सरकार पर निशाना साध रहे हैं और यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
 
क्या है जारी पोस्टर में - आम आदमी पार्टी ने अपने उत्तर प्रदेश के ऑफिशियल पेज पर एक पोस्टर जारी किया है। इसमें पोस्टर के ठीक ऊपर लिखा है कि महिलाओं के लिए रावण राज में सुरक्षित आना शायद संभव रहा हो मगर आदित्यनाथ राज में अकेली महिला का सुरक्षित घर लौटना पूरी तरह से असंभव हो चुका है।
 
और ठीक नीचे लगे पोस्टर में योगी सरकार पर हमला बोलते हुए आम आदमी पार्टी द्वारा जारी किए गए पोस्टर में लिखा है कि- '15 साल की लड़की से 65 साल की बुजुर्ग तक' 'घिनौनी वारदातों से दहला उत्तर प्रदेश'। 
 
मथुराः सरकारी आवास में युवती से सामूहिक दुष्कर्म। मेरठ: किशोरी से पड़ोसी ने किया रेप, पुलिस ने की लापरवाही। बदायूं: 50 साल की महिला के साथ निर्भया गैंगरेप जैसी हैवानियत। झांसी: मेडिकल कॉलेज परिसर में महिला के साथ बलात्कार। आगराः मेडिकल कॉलेज में 65 साल की बुजुर्ग को कोरोना पॉजिटिव बता रेप की कोशिश। बदायूं: जागरण में गई 15 साल की लड़की से दुष्कर्म।
 
योगी के रावण राज में महिलाएं नहीं सुरक्षित, जिसके बाद आम आदमी पार्टी के द्वारा जारी किए गए पोस्टर को लेकर लोग योगी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं और जमकर यह पोस्टर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
 
क्या बोले नेता जी : आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी व सांसद संजय सिंह ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि आदित्यनाथ के शासन को जंगलराज कहना भी गलत होगा क्योंकि जंगल का एक कानून होता है मगर उत्तर प्रदेश में कानून के नाम पर कुछ नहीं बचा है।
 
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