AAP विधायक अमानतुल्लाह खान ACB की 4 दिन की रिमांड पर, करीबी के घर मिले थे कैश और हथियार
शनिवार, 17 सितम्बर 2022 (20:48 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली वक्फ बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को कोर्ट ने 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। अमानतुल्लाह खान को शुक्रवार को एसीबी की छापेमारी में अवैध असलहा और 24 लाख रुपए कैश मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था। शनिवार यानी आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। एसीबी ने शुक्रवार को दिल्ली वक्फ बोर्ड में भर्ती में अनियमितताओं के सिलसिले में 4 परिसरों पर छापेमारी की थी और इसके अध्यक्ष खान को गिरफ्तार किया था।
राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती में अनियमितता से जुड़े एक मामले में शनिवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खान को भ्रष्टाचाररोधी शाखा (एसीबी) की 4 दिनों की हिरासत में भेज दिया। विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने एसीबी की एक अर्जी पर यह आदेश जारी किया। एसीबी ने अदालत से अनुरोध किया कि एक गहन जांच के लिए उसे खान से पूछताछ करने की जरूरत है।
खान की 14 दिनों की हिरासत का अनुरोध करते हुए एसीबी ने दावा किया कि खान के पांच रिश्तेदारों को बोर्ड में नियुक्त किया गया था, जबकि 22 लोग ओखला से थे।उल्लेखनीय है कि खान ओखला से विधायक हैं। अभियोजन ने अदालत से कहा, जिस व्यक्ति की आय 4.32 लाख रुपए है, वह चार करोड़ रुपए नकद प्राप्त कर रहा है।
इसने यह भी कहा कि शुक्रवार को ली गई तलाशी के दौरान एसीबी के अधिकारियों से मारपीट की गई और उन्हें थप्पड़ मारा गया। अभियोजन ने कहा, पूरी टीम के साथ मारपीट की गई और हथियार बरामद किए गए। एसीबी ने शुक्रवार को खान के परिसरों में छापे मारने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था।
भर्ती में अनियमितता को लेकर एक प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी है। प्राथमिकी के मुताबिक, खान ने बोर्ड के अध्यक्ष पद पर रहने के दौरान नियमों और सरकारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 32 व्यक्तियों की अवैध भर्ती की।
फैलाया जा रहा है झूठ : आप के वरिष्ठ नेता एवं विधायक सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि खान के दोनों घरों पर से न कोई पैसा मिला, न कोई कारतूस और न ही कोई अन्य गैरकानूनी चीज। इसके बावजूद केंद्र सरकार ने शोर मचा रखा है कि उनके घर से बंदूक या पैसा मिला है। यदि ऐसा कुछ मिला है तो क्या आपने कोई एफआईआर दर्ज की? मैंने इस संबंध में एसीबी से बात की।
उन्होंने कहा कि दो अलग-अलग लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक प्राथमिकी हामिद अली खान नाम के व्यक्ति पर दर्ज की गई है और दूसरी कौशर इमाम सिद्दीकी पर दर्ज की गई है। क्रिमिनल लॉ के तहत आप किसी व्यक्ति के घर पर छापेमारी कर चाहे कुछ भी ढूंढ लीजिए, लेकिन आप उसे किसी दूसरे व्यक्ति के साथ कैसे एसोसिएट कर सकते हैं। जब व्यक्ति बिजनेस नहीं कर रहा है तो कैसे उसका बिजनेस पार्टनर किसी को भी बना सकते हैं। अमानतुल्लाह खान का कोई बिजनेस नहीं है। इसके बावजूद कह रहे हो कि उनके बिजनेस पार्टनर के घर ये चीजें मिली हैं।
उन्होंने कहा, यदि कोई बिजनेस पार्टनर है तो भी क्या आप किसी बिजनेस पार्टनर के क्रिमिनल एक्ट को आप किसी दूसरे से जोड़ सकते हो? पति और पत्नी के बीच भी यदि पति ने कोई अपराध किया है तो उसमें पत्नी तक को भी नहीं जोड़ सकते हो। सिर्फ हताशा और अवसाद के चलते यह सब किया जा रहा है। जिस अमानतुल्लाह के घर पर एसीबी ने छापा मारा है वो कोई नया मामला नहीं है। यह दो साल नौ महीने पुरानी एफआईआर है, जो जनवरी 2020 में दर्ज हुई थी।
इस एफआईआर के चलते आप किसी को पूछताछ के लिए बुलाते हो और पीछे से कई जगहों पर छापे मार देते हो। अमानतुल्लाह के घर छापेमारी में कुछ नहीं मिला, फिर भी भाजपा एसीबी के माध्यम से खबर प्लांट करती है कि अमानतुल्लाह के करीबी लोगों व एसोसिएट्स के पास मिला है।
जांच एजेंसियां केवल भारतीय जनता पार्टी की बैटिंग कर रही है। भाजपा के झूठ को चला सके और पैसे की गड्डी और बंदूक के साथ आम आदमी पार्टी को बदनाम कर सके, इसकी तैयारी एसीबी कर रही है। यही काम प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय जांच ब्यूरो भी करती है।
भारद्वाज ने कहा, पिछले कई महीनों से केंद्र सरकार और भाजपा खास तरीके से जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर झूठ पर पूरी इमारत बनाने की कोशिश में लगी है। इन्होंने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सहित कई लोगों के घर छापा मारा। पहले दिन ईडी खबर फैलाती है कि जिन पर छापा मारा, उनसे साढ़े तीन करोड़ रुपए की रिकवरी बताई, लेकिन उनका जैन से क्या लेने-देना था? ये ईडी ने नहीं बताया।
कुछ दिनों बाद जैन और एसोसिएट्स के नाम पर खबर चलाने लगे। एसोसिएट वह होता है जिससे कोई लेना-देना होता है। कई बार भाजपा के प्रवक्ता से बहस हुई कि आप मुझे ये बता दीजिए कि जिसके घर पैसा मिला वह सत्येंद्र जैन का कौनसा रिश्तेदार था? अगर बिजनेस पार्टनर था तो बता दो कि कौनसे बिजनेस में पार्टनरशिप थी। लेकिन ईडी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था। केवल झूठ पर ही पूरी इमारत खड़ी की गई। अब कोर्ट में भी यही हो रहा है।
उन्होंने कहा, ईडी ने दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर और उनके गांव समेत 30 अन्य जगहों पर भी छापा मारा। उनके लॉकर से कुछ नहीं मिला। एक रुपया गैरकानूनी नहीं मिला और न ही गैरकानूनी संपत्ति के कागजात मिले। अब केवल समझा जा रहा है कि अभी नहीं मिला, लेकिन मिलेगा। पिछले दो सप्ताह में ईडी की ओर से आबकारी नीति के मामले में करीब 100 जगहों पर छापे मारे जा चुके हैं, लेकिन अभी तक इन्हें कुछ नहीं मिला।
भारद्वाज ने कहा, ईडी और सीबीआई इतनी हताश हो चुकी है कि अब वह पूरी दिल्ली में छापे मार रही है, ताकि किसी के यहां तो कुछ मिलेगा। जिस किसी के यहां भी कुछ मिलेगा तो वो कह देंगे कि ये सिसोदिया का है। किसी के यहां पर भी चाहे नकद, बंदूक मिल जाए, वह मनीष सिसोदिया का हो जाएगा।(एजेंसियां)