पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि पॉल अपनी बेटी से मिलने मुंबई गए थे। कोलकाता लौटते समय मुंबई हवाई अड्डे पर उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, जहां सुबह करीब 4 बजे उनका निधन हो गया। उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले 2 साल से उनका इलाज चल रहा था।
उन्होंने ‘साहेब’ (1981), ‘परबत प्रिया’ (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा’ (1985), ‘अनुरागर चोयन’ (1986) और ‘अमर बंधन’ (1986) जैसी कई हिट फिल्में दीं। फिल्म ‘साहेब’ (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर’ पुरस्कार भी मिला था।