आखिर कितने सुरक्षित है ‘भारत में रोपवे’, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्सपर्ट ने बताया कैसे रूकेंगे ‘मौत के हादसे’
मंगलवार, 12 अप्रैल 2022 (15:57 IST)
झारखंड के देवघर में रोपवे में फंसे लोगों के बेहद मुश्किल ऑपरेशन खत्म हो गया है। ऑपरेशन के आखिरी दिन रस्सी टूटने की वजह से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई।
घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। संभवत: ज्यादा खून बहने से महिला की मौत हो गई। ऐसे में जानना जरूरी है कि क्यों देश में रोपवे हादसों का सबब बन गए हैं।
इस मसले को लेकर वेबदुनिया नेडॉ अनिकेत साने, डिजास्टर मैनेजमेंट विशेषज्ञ और विजिटिंग फैकल्ट डीएवीवी इंदौर से विशेष चर्चा की।
सुरक्षा विशेषज्ञ से चर्चा कर जाना कि आखिर वे क्या वजह है कि बार बार ऐसे हादसे सामने आते हैं और लोगों की जान चली जाती है।
ये मानव निर्मित आपदाएं हैं
डॉ अनिकेत साने ने वेबदुनिया को बताया कि देश भर में होने वाली ऐसी घटनाएं हमारी ही गलतियों से हो रही हैं। इसलिए मैं इन्हें मानव निर्मित आपदाएं ही कहता हूं। क्योंकि हमारी गलतियों से ही ये हादसे हो रहे हैं। हमने सुविधाएं तो बना दीं, लेकिन यह नहीं सोचा कि हादसे नहीं हो इसके लिए हमें क्या योजनाएं करना है।
आपदाओं के लिए तैयार नहीं हम
दूसरा कारण यह है कि हम आपदा योजना के लिए तैयार नहीं हैं। हमारी आंखें तभी खुलती हैं जब कोई हादसा घट जाता है। कुल मिलाकर हम आपदा योजनाओं के लिए तैयार नहीं है। हादसे के बाद अचानक हम लोगों को बचाने की योजना बनाते हैं। यह हमारी सबसे गंभीर गलती है।
क्या है हादसों की वजह
डॉ साने ने बताया कि हादसों की ये प्रमुख वजहें हैं।
सुविधा में फ्लेक्सिब्लिटी
हमें हर तकनीकी चीज को सुविधाजनक बनाना चाहिए कि अगर ऐसा कोई हादसे में फंसता है तो दूसरा विकल्प क्या हो।
मशीनों की मॉनिटरिंग
मशीनों की लगातार मॉनिटरिंग हो। मैंटेनेंस हो। उनका इस्तेमाल होता रहे। चाहे वो रोपवे हो या कोई दूसरी सुविधा।
ऊंचाई पर मैंटेंनेंस बढ़जाता है
रोपवे, लिफ्ट आदि जैसे उपकरण अगर बहुत ऊंचाई पर हैं तो उनका मैंटेनेंस भी बढ़ जाता है। यानी हाई एल्टीट्यूड वाले उपकरणों की देखरेख ज्यादा होना चाहिए।
डूज एंड डोंट से नहीं रूकंगे हादसे
सिर्फ लोगों के लिए डूज एंड डोंट लिख देने से हादसे नहीं रूकेंगे। कर्मचारियों को भी पालन करना होंगे नियम।
हादसों की मॉकड्रिल हो
उपकरणों को लेकर लगातार हादसों की मॉकड्रिल होना चाहिए। हमें पता हो कि हादसा हो तो कैसे निपटा जाए। हम में से ज्यादातर लोगों को फायर उपकरण चलाना भी नहीं आता।
सेफ्टी नियम
रोपवे हो, आगजनी, भूकंप या बाढ़। हम सबको ऐसी आपदाओं में क्या करना चाहिए, यह आना चाहिए। लोगों को डिजास्टर मैनेजमेंट में कुशल होना होगा।
जापान से सीखे
जापान में दुनिया में सबसे ज्यादा आपदाएं आती हैं। आगजनी, भूकंप या बाढ़ आदि से वहां के आम लोग खुद ही निपटते हैं। बाढ़ आए तो कैसे चलता किस तरफ जाना। आग लगे तो फायद उपकरणों का इस्तेमाल कैसे करना यह सब जापानी लोग और यहां तक कि बच्चे भी जानते हैं।