नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने सांसदों के वीआईपी ट्रीटमेंट को लेकर जारी किए गए अपने आदेश को वापस ले लिया है। डॉक्टरों ने एम्स के इस कदम का काफी विरोध किया था जिसके बाद एम्स को यह फैसला वापस लेना पड़ा। इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को शिकायत की थी और इन दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की थी।
बात यह है कि एम्स ने सांसदों के बेहतर इलाज के लिए 17 अक्टूबर को दिशानिर्देश जारी किए थे जिनमें सांसदों को इमरजेंसी डिपार्टमेंट में दिखाने, ओपीडी में शिफ्ट करने सहित एडवांस ट्रीटमेंट के लिए गाइडलाइंस थे। एम्स के इस फैसले का डॉक्टर काफी विरोध कर रहे थे।
इस विषय में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को शिकायत की थी और इन दिशानिर्देशों को वापस लेने की मांग की थी। इतना ही नहीं, एम्स में इलाज के लिए अगर सांसद रेफरेंस के तौर पर चिट्ठी लिख देंगे तो एम्स का मीडिया एंड प्रोटोकॉल विभाग डॉक्टर से दिखवाने में मरीज का खास ख्याल रखने का भी प्रावधान था।