नई दिल्ली। केंद्रीय कृषिमंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों से आग्रह किया कि वे राजनीतिक स्वार्थ के लिए 3 कृषि कानूनों के खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम से बचें। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और किसानों के बीच झूठ की दीवार खड़ी करने की साजिश रची जा रही है।कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष किसानों में भ्रम पैदा कर रहा है। किसानों को गुमराह करने वाले 1962 की भाषा बोल रहे हैं। कृषि मंत्री ने 8 पेज की चिट्ठी लिखी, जिसमें 8 आश्वासन दिए गए हैं।
किसानों के नाम लिखे एक पत्र में तोमर ने दावा किया कि 3 कृषि सुधार कानून भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, किसानों को और स्वतंत्र तथा सशक्त करेंगे। कृषि कानूनों को ऐतिहासिक करार देते हुए तोमर ने कहा कि इन सुधारों को लेकर उनकी अनेक राज्यों के किसान संगठनों से बातचीत हुई है और कई किसान संगठनों ने इनका स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि देश का कृषिमंत्री होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि हर किसान का भ्रम दूर करूं। मेरा दायित्व है कि सरकार और किसानों के बीच दिल्ली और आसपास के क्षेत्र में जो झूठ की दीवार बनाने की साजिश रची जा रही है, उसकी सच्चाई और सही वस्तुस्थिति आपके सामने रखूं। नए कानून लागू होने के बाद इस बार खरीद के लिए पिछले रिकॉर्ड टूट गए हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के नए रिकॉर्ड बनाए हैं और वह खरीद केंद्रों की संख्या भी बढ़ा रही है।
तोमर ने कहा कि लेकिन कुछ लोग किसानों से झूठ बोल रहे हैं कि एमएसपी बंद कर दी जाएगी। किसानों से आग्रह है कि राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित कुछ लोगों द्वारा फैलाए जा रहे इस सफेद झूठ को पहचानें और वे इसे सिरे से खारिज करें। जो सरकार किसानों को लागत का डेढ़ गुना एमएसपी दे रही है और जिसने पिछले 6 साल में एमएसपी के जरिए लगभग दोगुनी राशि किसानों के खाते में पहुंचाई, वह सरकार एमएसपी कभी बंद नहीं करेगी। एमएसपी जारी है और जारी रहेगी। मंडियां चालू हैं और चालू रहेंगी। एपीएमसी को और अधिक मजबूत किया जा रहा है। कृषि उपज मंडियां पहले की तरह काम करती रहेंगी। बीते 5 वर्षों में कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च किए हैं। उन्हें आने वाले समय में और आधुनिक बनाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि जिन लोगों की राजनीतिक जमीन खिसक चुकी है, वे लोग पूरी तरह से यह काल्पनिक झूठ फैला रहे हैं कि किसानों की जमीन छीन ली जाएगी। कृषि कानून में साफ उल्लेख है कि जमीन पर किसान का ही मालिकाना हक रहेगा। सरकार नीयत और नीति दोनों से किसानों के लिए प्रतिबद्ध है।
ने कहा कि इस पत्र के माध्यम से आप से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि ऐसे किसी भी बहकावे में आए बिना तथ्यों के आधार पर चिंतन मनन करें। आपकी हर शंका-आशंका को दूर करना, उसका उत्तर देना हमारी सरकार का दायित्व है। हम अपने इस दायित्व से न कभी पीछे हटे हैं, न कभी पीछे हटेंगे। आप विश्वास रखिए, किसानों के हित में किए गए सुधार भारतीय कृषि में नए अध्याय की नींव बनेंगे, देश के किसानों को और स्वतंत्र करेंगे, सशक्त करेंगे। इन्हीं सुधारों की ऊर्जा से हम मिलकर भारत की कृषि को समृद्ध और संपन्न बनाएंगे। (भाषा)