वायु सेना प्रमुख ने एक वेबसाइट को दिए साक्षात्कार में कहा है , चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा विवादित विषय है और यह एक कपटपूर्ण सैन्य खतरे के रूप में उभर सकता है। उन्होंने कहा कि हमने मौजूदा संसाधनों से अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा की योजना को मजबूत बनाया है और हमारी भविष्य की योजनाओं से देश की क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि वायु सेना नई चुनौतियों और खतरों के मद्देनजर निरंतर अपनी योजनाओं की समीक्षा करती है और अाधुनिकरण की मुहिम से इस तरह के खतरों से निपटने में वायु सेना की क्षमता बढ़ेगी।
तेजी से कम हो रही लड़ाकू स्क्वैड्रनों की संख्या के बारे में उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों को बेडे में शामिल करने तथा मौजूदा विमानों को उन्नत बनाकर इस कमी को पूरा किया जा रहा है। इस सिलसिले में उन्होंने हल्के लड़ाकू विमान और उसके एमके 1 ए संस्करण तथा राफेल और उन्नत बनाए जा रहे सुखोई -30 का जिक्र किया। 'मेक इन इंडिया ' रूट से भी लड़ाकू विमान को वायु सेना के बेडे में शामिल किए जाने पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के पूरा होने के बाद भारतीय वायु सेना को अपने दुश्मनों पर बढ़त मिल जाएगी।